UP का ये गांव है IAS और IPS की फैक्टरी, हर घर में अफसर
My job alarm - (Factory village of IAS) आईएएस-आईपीएस हमारे देश की सबसे हाई प्रोफाइल नौकरियां हैं। इन्हें पाने के लिए हर साल लाखों विघार्थी अपने रातों की नींद दाव पर लगा देते हैं। लेकिन कईं विघार्थियों को तब भी असफलता का सामना करना पडता हैं। लेकिन बता दें कि युपी में एक गांव ऐसा भी हैं (IPS officers) जहां पर हर घर से आईएएस और आईपीएस के पद पर तैनात युवा मिल जाएगें। इस गांव का नाम माधोपट्टी है, जो उत्तर प्रदेश के जौनपुर में स्थित है। इसी के चलते इस आर्टिकल में हम आपको यह गांव जौनपुर शहर से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गांव से अब तक 40 से भी अधिक (how to become ias) आईएएस-आईपीएस और पीसीएस अधिकारी निकल चुके हैं, जिनमें से कई तो अभी बड़े-बड़े पदों पर तैनात हैं और न सिर्फ अपने गांव बल्कि अपने जिले का भी नाम रोशन कर रहे हैं। इस गांव को आईएएस और आईपीएस की फैक्ट्री कहा जाता है।
5 परिवारों में 47 आईएएस, आईएफएस, आईआरएस और आईपीएस अधिकारी -
आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि इस गांव को आईएएस की फैक्ट्ररी क्यों कहा जाता हैं तो आपको बता दें कि ऐसा (how to become ips) इसलिए क्योंकि पूर्वी जौनपुर जिले के इस छोटे से गांव के 75 परिवारों में 47 आईएएस, आईएफएस, आईआरएस और आईपीएस अधिकारी हैं। इसने माधोपट्टी को भारत में सिविल सेवाओं में काम करने वाले उम्मीदवारों की सबसे अधिक संख्या वाला गांव बना दिया है।
बिना कोचिंग क्लास या प्रशिक्षण के बने अधिकारी
आमतौर पर, ऐसी परीक्षाओं में बैठने वाले उम्मीदवार प्रसिद्ध कोचिंग कक्षाओं में महंगी से महंगी कोचिंग लेते हैं। लेकिन यहां पर (how to become officer) हैरान कर देने वाली बात यह हैं कि माधोपट्टी में ऐसी कोई कोचिंग क्लास या प्रशिक्षण केंद्र नहीं हैं। फिर भी उम्मीदवार अपनी लगन और कड़ी मेहनत के कारण यूपीएससी परीक्षा में इतनी बड़ी संख्या में सफल हुए हैं।
पूरे गांव की सड़कों पर लाल और नीली बत्ती -
संयोग से, इस छोटे से गांव में अधिकारियों (Madhopatti village of UP story) की संख्या इतनी अधिक है कि पहले स्थानीय त्योहारों के दौरान पूरे गांव की सड़कों पर लाल और नीली बत्ती वाली कारें हुआ करती थीं।
एक ही परिवार से 5 आईएएस -
एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह गांव पहली बार तब सुर्खियों में आया जब एक ही परिवार से 5 उम्मीदवार आईएएस अधिकारी (lbsnaa news) बन गए। 1995 में इस गांव के विनय सिंह आईएएस अधिकारी बने और उसके बाद पिछले कुछ वर्षों में इस परिवार से 4 और उम्मीदवारों ने आईएएस परीक्षा में सफलता हासिल की। जिससे कि गांव के अन्य विघार्थियों को जागरूकता मिली और इस गांव का नाम ऐतिहासिक रूप से दर्ज हो गया।
केवल पुरूष ही नहीं महिला भी हैं अफसर -
यह बेहद खुश कर देने वाली बात हैं कि इस गांव के न केवल पुरुष बल्कि महिलाएं भी बिना किसी कोचिंग क्लास या प्रशिक्षण के आईएएस और आईपीएस अधिकारी बन गई हैं। यही कारण है कि माधोपट्टी को अब आईएएस और आईपीएस की फैक्ट्री के रूप में जाना जाता है। क्योंकि यही वह गांव हैं जहां से सबसे ज्यादा आईएएस और आईपीएस बनें हैं।
आईएएस अधिकारी बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Examination) को सफलतापूर्वक पास करना होता है। यह परीक्षा वार्षिक रूप से आयोजित की जाती है और उसमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, और व्यक्तिगतिक प्रश्नोत्तरी साक्षात्कार शामिल होते हैं।
भारत में आईएएस ट्रेनिंग के लिए कुछ प्रमुख प्रशिक्षण सेंटर कौन-कौन से हैं ?
भारत में आईएएस ट्रेनिंग के लिए कुछ प्रमुख प्रशिक्षण सेंटर हैं, जो सिविल सेवा अधिकारियों को प्रशिक्षित (ias training) करते हैं। इनमें से सबसे प्रमुख सेंटर है-
1. लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी :-
यह अकादमी मसूरी, उत्तराखंड में हैं। यह अकादमी आईएएस अधिकारियों का प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है और नई आईएएस (Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration, LBSNAA) अधिकारियों को यहां प्रशिक्षित किया जाता है। सबसे पहले सभी ट्रेनी ऑफिसर्स की एक साथ ही ट्रेनिंग (LBSNAA Training Fees) होती है, जिसे फाउंडेशन कोर्स कहा जाता है। यहां ट्रेनी ऑफिसर्स को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से ट्रेन्ड किया जाता है
2. सर जगदीश चंद्र बोस राष्ट्रीय अध्ययन केंद्र:-
यह अकादमी हैदराबाद, तेलंगाना में हैं। यह अधिकारियों (Sardar Vallabhbhai Patel National Police Academy, SVPNPA) को पुलिस प्रशिक्षण के साथ भी प्रशिक्षित करता है।
3. राजीव गांधी राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी -
यह अकेडमी स्रीपेरंबुदुर, तमिलनाडु में हैं। यह अकादमी (Rajiv Gandhi National Institute of Youth Development, RGNIYD) युवा विकास और सामाजिक संस्कृति में उत्कृष्टि को प्रोत्साहित करने के लिए आईएएस अधिकारियों को प्रशिक्षित करता है।
4. स्वर्ण जयंती सेल -
यह अकादमी मसूरी, उत्तराखंड में हैं। यह सेल वर्षों से (Golden Jubilee Foundation) आईएएस अधिकारियों को प्रशिक्षित कर रहा है। आईएएस अधिकारियों के प्रशिक्षण के मामले में यह अकादमी काफी जानी-मानी है।
यह छोटे-छोटे सेंटर भारत में अन्य स्थानों पर भी हैं, जो आईएएस अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। ये संस्थान विभाग और उनके कार्यक्रमों के आधार पर बदलते रहते हैं।
IAS ट्रेनिंग सेंटर में किस तरह की ट्रेनिंग दी जाती है ?
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी होने के बाद युवा आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों की ट्रेनिंग शुरू होती है। युवा अधिकारियों की ट्रेनिंग उत्तराखंड के महसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी यानी LBSNAA में होती है। IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) ट्रेनिंग सेंटर में भारतीय प्रशासनिक सेवा के उम्मीदवारों को विभिन्न विषयों पर व्यावसायिक और साक्षात्कारिक प्रशिक्षण दिया जाता है। बता दें कि यह ट्रेनिंग सेंटर, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अधीन होता है और नॉन-आईएएस अधिकारी भी यहां अपनी ट्रेनिंग प्राप्त कर सकते हैं।
इस ट्रेनिंग के दौरान उम्मीदवारों को व्यावसायिक और नैतिक मूल्यों पर आधारित शासन, व्यवस्था, और प्रशासनिक क्षमता को विकसित करने का प्रशिक्षण दिया जाता हैं। जिससे कि वे अपना कार्यभार जिम्मेदार अधिकारी के रूप में देश की सेवा के लिए सक्रिय योगदान कर सकें।
ट्रेनिंग का पाठ्यक्रम विशेष रूप से विभिन्न विषयों पर क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर संबंधित ज्ञान के विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें भारतीय संविधान, राजनीति, इतिहास, भूगोल, आर्थिक विकास, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, भारतीय अर्थव्यवस्था, लोक प्रशासन, सार्वजनिक नीतियों, वित्तीय प्रबंधन, इत्यादि शामिल हो सकते हैं।
LBSNAA में ट्रेनी अधिकारियों को रहने के लिए हॉस्टल और खाने के लिए मेस के अलावा और भी कई प्रकार की सुविधांए मिलती हैं. जिसमें खेल के लिए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, लाइब्रेरी, डिस्पेंसरी, आईटी सर्विस आदि शामिल हैं। इसके अलावा, ट्रेनिंग के दौरान बॉन्डिंग, बूट कैंप, साक्षात्कार, केस स्टडी, प्रोजेक्ट वर्क, रैलियों, ग्रुप डिस्कशन, और परिचर्चा आदि की सुविधाएं भी दी जाती हैं।