My job alarm

Success Story : महज 19 साल की उम्र में हुई विधवा, SBI में साफ सफाई करते करते ऐसे बन गई अफसर

Motivational Success Story : हर एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति का जीवन आसान ही लगता है। लेकिन असल में ऐसा होता नही है। आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी के बारे में बताने वाले जो कि उन हालातों से उभर कर सामने आई है जहां कई लोग तो हार मान लेते है। ये महिला हिम्म्त और साहस का जीता जागता उदाहरण है। आइए जान लेते है इस SBI अफसर कर पूरी कहानी...
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Success Story :  महज 19 साल की उम्र में हुई विधवा, SBI में साफ सफाई करते करते ऐसे बन गई अफसर

My job alarm -  (Success Story of Women) किसी के हालात कब बदल जाएं इसके बारे में कोई अनुमान नही लगाया जा सकता है। एक झटके में कोई इंसान रंक से राजा तो कोई राजा से रंक बन सकता है। ये बात तो सच है ही कि हालात कभी भी एक जैसे नही रहते है। अपने हालातों को एक व्यक्ति चाहे तो मेहनत करके खुद बदलने का दम रखता है। इस बात में कोई दोराय नही है कि जो लोग मेहनत करते है उन्हे सफल होने से कोई नही रोक सकता है। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, ये कहावत हमारी आज की इस स्टोरी को पढ़ने के बाद आपको सही से समझ आने वाली (Pratiksha Tondwalkar success story) है।

आज की हमारी ये कहानी है प्रतीक्षा टोंडवालकर की। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI news) में स्वीपर की नौकरी करने वाली प्रतीक्षा की पढ़ाई छूटी, पति का साथ छूटा, हाथ में 1 साल का बेटा था और जेब में फूटी कौड़ी न थी। इसके बावजूद प्रतीक्षा ने न सिर्फ बेटे को पढ़ाया बल्कि अपनी पढ़ाई पूरी करके SBI में अफसर बन गईं।


शादी के 2 साल बाद छूटा पति का साथ


इनका शुरूआती जीवन इतना भी आसान नही रहा है। महाराष्ट्र के पुणे की रहने वाली प्रतीक्षा टोंडवालकर (Pratiksha Tondwalkar study) 7वीं में थीं, जब उनकी पढ़ाई छुड़वा दी गई। महज 17 साल की ही उम्र में उनकी शादी हो गई। इनकी शादी के 1 साल में ही बच्चा हुआ, जिसका नाम विनायक रखा गया। इसके बाद विनायक 1 साल का हुआ तभी उसके सिर से पिता का साया उठ गया। सिर्फ 19 साल की उम्र में प्रतीक्षा ने अपना पति खो (Pratiksha Tondwalkar life journey) दिया। 


ससुराल वालों का कहना था कि बेटा नहीं रहा, तो बहू को पाल कर क्या करेंगे? प्रतीक्षा को घर से बाहर निकाल दिया गया। वहीं मायके वालों ने भी यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि शादी के बाद बेटी हमारी जिम्मेदारी नहीं (Pratiksha Tondwalkar story) है।


60-65 रुपये सैलरी पर करती थी काम


पति के जाने के बाद इनके जीवन में काफी मुश्किले आई। अपने पति के देहांत के बाद प्रतीक्षा कई दिनों तक अपने बेटे के साथ चॉल के बाहर ही रहीं। इसके बाद आखिरकार लोगों के ताने सुनने के बाद सास ने उन्हें अपने घर में आने की इजाजत दे दी। प्रतीक्षा के पति SBI में बुक बाइंडिंग का काम (Book binding work in SBI) करते थे। प्रतीक्षा ज्यादा पढ़ी नहीं थीं। ऐसे में रोजी-रोटी चलाने के लिए प्रतीक्षा ने बैंक वालों से नौकरी देने की गुजारिश की और उन्हें 2 घंटे की पार्ट टाइम स्वीपर की नौकरी मिल (motivational success story in hindi) गई। प्रतीक्षा बैंक में झाड़ू लगाती थीं। यह साल 1985 की बात है, तब उनकी महीने की पगार महज 60-65 रुपये थी। बेटे को पालने के लिए प्रतीक्षा कई जगहों पर पार्ट टाइम काम करने लगीं।


30 साल की उम्र में किया ये काम


अपने हालातों को बदलने का मन में ठान कर , अपने जीवन के संघर्ष लड़ते वक्त प्रतीक्षा टोंडवालकर (Pratiksha Tondwalkar  study) ने अपनी पढ़ाई पूरी करने की सोची। बैंक में काम करते वक्त उन्हे बहुत सर्पोट मिला। कई दोस्तों और बैंक कर्मचारियों की मदद से उन्होंने अपनी 10वीं पास कर ली। 10वीं में 60 प्रतिशत नंबर लाने के बाद प्रतीक्षा ने 12वीं की परीक्षा दी और उसमें भी उन्होने बाजी मार ली। 


ऐसे में SBI ने भी उन्हें प्रमोशन देते हुए फुल टाइम प्यून की नौकरी (Pratiksha Tondwalkar success story in hindi) दे दी। हालांकि प्रतीक्षा ने पढ़ाई जारी रखी। उन्होंने नाइट कॉलेज में दाखिला लिया। मनोविज्ञान में ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने जूडो-कराटे भी सीखा। ऐसे करते कराते उन्होने अपनी पढ़ाई और सुरक्षा की तकनीक सीख (success story) ली। 


ऐसे बनी SBI अफसर


पति के जाने के बाद एक बार तो ये टूट गई थी लेकिन अपने बच्चे को देखते हुए इन्होने खुद को संभाला और अपने पति के जाने के बाद उन्होने हार नही मानी और 30 साल की उम्र में प्रतीक्षा ने ग्रेजुएशन (Pratiksha Tondwalkar graduation) की पढ़ाई पूरी कर ली। इसके बाद उन्होंने क्लर्क की परीक्षा दी और पास हो गईं। प्रतीक्षा का कहना है कि बैंक में झाड़ू लगाते समय वो अक्सर जब कुर्सियां पोछती थीं, तो सोचती थीं कि कब वो इस कुर्सी पर बैठेंगी। आखिर में प्रतीक्षा का सपना पूरा हो गया। SBI ने उन्हें असिस्टेंट जनरल मैनेजर नियुक्त (Pratiksha Tondwalkar post) कर दिया। ऐसे उनकी सफलता की कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गई।

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