Success story : 8000 रुपये लोन लेकर कुछ इस तरह खड़ा किया 800 करोड़ का साम्राज्य, बड़ी दिलचस्प है इस महिला की कहानी
MY JOB ALARM : जब हौसलों ओर मेहनत में दम हो तो सफलता का रास्ता अपने आप निकल जाता है। ऐसी ही कहानी है मीना बिंद्रा (meena bindra success story) की जो कभी सिर्फ गृहिणी हुआ करती थीं। फिर 40 साल की उम्र में उन्होंने अपनी किस्मत आजमायी ओर अपने सिलाई के शौक को बिजनेस (Business idea) में बदल डाला। आज उनकी शुरू की गई कंपनी 'बीबा' का सालाना 800 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का टर्नओवर है।
दरअसल, मीना बिंद्रा ने अपने घर से ही सिंपल सूट बेचने से बीबा कंपनी की शुरुआत की थी। जो आज भारत के टॉप एथनिक कपड़ों के ब्रांड में से एक है। आपको बता दें, मीना बिंद्रा (meena bindra) ने ना सिर्फ बिजनेस की दुनिया में अपना नाम कमाया है। बल्कि साथ ही कई और महिलाओं को भी कारोबार शुरू करने की प्रेरणा दी है। आइए, विस्तार से जानते है उनकी सफलता की इस कहानी को-
सिर्फ 20 की उम्र में हुई शादी (new success story)
मीना बिंद्रा का जन्म और पालन-पोषण दिल्ली में हुआ। दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद 20 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई। एक आम गृहिणी की तरह मीना ने अपने दोनों बेटों संजय और सिद्धार्थ को पाला। 40 साल की उम्र में जब उनके बच्चे बड़े हो गए तो उन्होंने घर से ही 'सिंपल कॉटन प्रिंटेड सूट' बेचना शुरू किया। उस समय उनके पास न कोई प्रोफेशनल ट्रेनिंग (motivational story in hindi) थी। न ही कोई ज्यादा जानकारी। मुंबई में रहते हुए मीना ने 1983 में अपने भाई के खाली फ्लैट में एक एग्जीबिशन लगाई। वहां उन्होंने खुद के सिले हुए सूट बेचे। पहली ही एग्जीबिशन में उन्हें जोरदार सफलता मिली। उनके सूट लोगों ने हाथोंंहाथ खरीदे।
8000 रुपये से शुरू किया सफर
मीना बिंद्रा के पति ने बिजनेस की शुरुआत में उनकी मदद की। बैंक से 8000 रुपये का लोन दिलाया। यह मीना के बिजनेस के लिए शुरुआती पूंजी थी। उन्होंने सिंपल सूट बनाए थे, जिन पर ब्लॉक प्रिंट किया था। मीना ने अपने निवेश (investment tips) का आधा पैसा भी खर्च नहीं किया था कि प्रदर्शनी में उनके ज्यादातर सूट बिक गए और उनका पैसा लगभग दोगुना हो गया। धीरे-धीरे मीना को मुंबई के बड़े-बड़े स्टोर्स से ऑर्डर मिलने लगे, जो फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में भी काफी मशहूर थे। उनके सूट हर जगह छा गए और सही वजहों से चर्चा का विषय बने।
ऐसे 800 करोड़ के साम्राज्य की बनी मालकिन
पंजाबी में 'बीबा' शब्द का इस्तेमाल मुख्य रूप से प्यारे से नाम के रूप में किया जाता है। यह आमतौर पर लड़की या महिला के लिए स्नेहपूर्ण संबोधन होता है। बीबा ब्रांड को बॉलीवुड में पहला ब्रेक तब मिला जब किशोर बियानी ने फिल्म 'न तुम जानो न हम' में एक पार्टनरशिप (success story in hindi) के लिए उनसे संपर्क किया। इसके बाद तो ब्रांड ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज बीबा के 300 से भी ज्यादा ब्रांड आउटलेट्स हैं और 275 मल्टी-ब्रांड आउटलेट्स हैं। इनका कुल रेवेन्यू 800 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है।
कई पुरस्कारों से किया जा चुका है सम्मानित
बीबा और देश की एथनिक अपैरल इंडस्ट्री में योगदान के लिए मीना बिंद्रा को 2015 में क्लोदिंग मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMAI) ने एपेक्स लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। 2012 में बिबा को इमेजेस अवार्ड्स में 'बेस्ट एथनिक वियर ब्रांड फॉर वीमेन' के खिताब से नवाजा गया। बीबा का प्रभाव सिर्फ फिजिकल स्टोर्स तक ही सीमित नहीं है। ब्रांड ने अपने ई-कॉमर्स पोर्टल biba.in के साथ डिजिटल युग को अपना लिया है। इससे देशभर से ग्राहक इसके प्रोडक्ट्स खरीद सकते हैं। मीना बिंद्रा का गृहिणी से एक सफल उद्यमी बनने का सफर अनगिनत लोगों के लिए प्रेरणा है। उनकी कहानी दृढ़ता, जुनून और जोखिम लेने की इच्छा के महत्व पर जोर देती है।