Success Story : 250 रुपये वाली नौकरी छोड़ कर शुरू किया ये काम, खड़ी कर दी 1 लाख करोड़ की कंपनी
Business Idea : सफलता की राह इतनी आसान नहीं होती, लेकिन जो अपने लक्ष्यों को पाना चाहते हैं वो अपने सपने को पूरा कर लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। खासकर कारोबार के रास्तों में कई बार चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है। मुकाम तक पहुंचने के लिए हर चुनौती से डटकर लड़ना पड़ता है। अगर कोई काम पूरी लगन, मेहनत और ईमानदारी से किया जाए तो एक दिन सफलता जरूर हासिल होगी। आज हम आपको ऐसे ही एक शख्स की (Success Story of Murili Divi) कहानी के बारे में बताने वाले है जिन्होनें अपनी असफलता के दम पर सफलता हासिल की है।
My job alarm - (Success Story) अगर इरादे मजबूत हों और कड़ी मेहनत की जाए तो एक दिन सफलता जरूर हासिल होती है। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से एक ऐसे ही शख्स ही कहानी (Murali Divi ki Safalta Ki kahani) के बारे में बताएंगे, जो किसी समय में महज 250 रुपये की सैलरी में काम करते थे और आज वो करोड़ों की कंपनी के मालिक हैं। हम बात कर रहे हैं दिग्गज फार्मा कंपनी के फाउंडर मुरली डिवी की (Murali Divi success Story)। इनकी कहानी हर किसी के लिए प्रेरणायक है। हालांकि बिजनेस में सफलता का रास्ता आसान नहीं था लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। इन्होंने अपनी असफलता को ही सफलता का जरिया बनाया है
अब इतना है कंपनी का मार्केट कैप
हालांकि मुरली डिवी बहुत कम समय में करोड़पति बन गए हैं, लेकिन उनके लिए ये रास्ता आसान नहीं था। अब दिग्गज फार्मा (divis lab founder) कंपनी डिवीज लैब का फार्मा सेक्टर (Murali Divi success story) में बड़ा नाम है। इस कंपनी का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का है। मुरली डिवी इस कंपनी के फाउंडर हैं। इन्होंने जितना संघर्ष किया है उनकी सफलता उतनी ही बड़ी है। मुरली डिवी आंध्र प्रदेश के एक छोटे-से शहर से ताल्लुक रखते हैं।
इनके घर की आर्थिक स्थिति (success journey of Murali Divi )इतनी अच्छी नहीं थी क्योंकि आप अंदाजा लगा सकते हैं कि केवल 10 हजार रुपये में 14 लोगों का परिवार चलाना आसान नहीं होता था। इनके पिता साधारण से कर्मचारी थे । सैलरी बस इतनी थी कि किसी तरह दाल-रोटी से गुजारा हो जाता था। इनके लिए एक टाइम का खाना खाना भी किसी चुनौती से कम नहीं था।
कभी करते थे मामूली सी सैलरी वाली जॉब
मुरली डिवी ने अपनी असफलताओं से सीखते हुए कड़ी मेहनत की। जब इन्होंने फार्मा का डिप्लोमा किया था तब उनके पास जेब में सिर्फ 500 रुपये थे, जिन्हें लेकर वे 25 साल की उम्र में अमेरिका पहुंचे थे। वहां उन्होंने फार्मासिस्ट की नौकरी की। पहली नौकरी में उन्हें सैलरी के तौर पर 250 रुपये (kitnik thi Murali Divi ki salary) मिले थे। मुरली ने शुरुआत में कई सारी फार्मा कंपनियों में काम किया और 50 लाख से ज्यादा रुपये जमा कर लिए। नौकरी करने के बाद मुरली डिवी फार्मा सेक्टर को अच्छे से समझने लगे थे, उन्होंने कुछ ही साल वहां काम किया और उसके बाद वापस भारत लौट आए।
ऐसे खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी
अपनी रकम को जमा करने के बाद मुरली ने साल 1984 में अपनी सारी जमा पूंजी लगाकर फार्मा सेक्टर में कदम रखा था। कभी दिन-रात न देखते हुए मेहनत से काम करने वाले मुरली ने 1990 में डिवीज लैबोरेटरीज लॉन्च की। उसके बाद मुरली डिवी ने कल्लम अंजी रेड्डी से हाथ मिलाया, 1995 में मुरली डिवी ने अपनी पहली मैन्युफक्चरिंग यूनिट चौटुप्पल, तेलंगाना में स्थापित की। जिसका 2000 में डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ विलय कर दिया गया।
उसके बाद मुरली ने डॉ. रेड्डीज लैब्स में 6 वर्षों (Murali Divi ki success journey) तक वर्क किया। ये सब करने के बाद मुरली ने मार्च 2022 में कंपनी ने 88 बिलियन का रेवेन्यू जेनरेट किया। जिसके बाद कंपनी का कारोबार लगभग सवा करोड़ (Murali Divi ki networth) रुपये तक पहुंच चुका है।