Success Story: कभी अखबार बेच भरी कॉलेज की फीस, फिर उधारी की किताबें पढ़कर बिना कोचिंग के ऐसे पास की UPSC
IAS Nirish Rajput Success Story: सिविल सेवा में जाने का सपना हजारों युवा देखते हैं, लेकिन सफलता पाना आसान नहीं होता। नीरीश राजपूत ने उधारी की किताबों से UPSC की तैयारी (UPSC preparation tips) की और अखबार बेचकर अपने संघर्ष को मात दी। उनकी कहानी यह दर्शाती है कि कठिनाइयां केवल आपके हौसले को और मजबूत बनाती हैं। मेहनत और धैर्य से किसी भी लक्ष्य को हासिल (Success story hindi) किया जा सकता है। आइए खबर में विस्तार से नजर डालते है इस प्रेणादायक कहनी पर-
My job alarm (ब्यूरो)। आज हम आपको एक प्रेरणादायक कहानी (Motivational Story) सुनाने जा रहे हैं, जो हमें यह सिखाती है कि संघर्ष और मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। यह कहानी है नीरिश राजपूत की, जिन्होंने बेहद कठिन परिस्थितियों में UPSC परीक्षा में सफलता पाई। नीरिश ने एक इंटरव्यू (IAS Nirish Rajput) में अपने जीवन की चुनौतियों का जिक्र किया, जो सुनने वालों को हैरान कर सकती हैं।
आर्थिक मुश्किलें और संघर्ष
नीरिश राजपूत ने बताया कि एक समय ऐसा भी था जब उनके पास पढ़ाई के लिए पैसे नहीं थे। वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति (UPSC success story in hindi) को सुधारने के लिए अखबार बेचते थे। उनके पिता एक दर्जी थे, और नीरिश भी पिता के साथ सिलाई का काम करते थे। इन सब कठिनाइयों के बावजूद, नीरिश ने कभी हार नहीं मानी और मेहनत करते रहे। आज वह एक सफल IAS अधिकारी हैं।
बचपन की यादें
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में जन्मे नीरिश ने अपने माता-पिता और तीन भाई-बहनों के साथ 15 बाई 40 फीट के छोटे से घर में बिताए। वह बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थे, लेकिन सरकारी स्कूल (Government school success story) में पढ़ाई करने के बावजूद उनकी आर्थिक स्थिति ने उन्हें अच्छे स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने से रोका। फीस के लिए पैसे जुटाने के संघर्ष में उन्होंने अखबार बेचने का काम किया और पिता के साथ सिलाई में भी मदद की।
शिक्षा का सफर
नीरिश ने 10वीं कक्षा में 72 प्रतिशत अंक हासिल किए और आगे की पढ़ाई के लिए ग्वालियर गए। वहां उन्होंने सरकारी कॉलेज से BSc और MSc की डिग्री प्राप्त की, जिसमें उन्होंने पहले स्थान पर रहकर सबको चौंका दिया। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने पार्ट टाइम जॉब (Part time Job) भी की, ताकि अपनी फीस का खर्च उठा सकें।
धोखा और नई शुरुआत
UPSC परीक्षा की तैयारी (UPSC preparation strategy) के दौरान नीरिश ने एक दोस्त के साथ मिलकर कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ाई शुरू की। लेकिन, दो साल बाद जब इंस्टिट्यूट सफल हो गया, तो उनके दोस्त ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया। यह समय नीरिश के लिए बहुत कठिन था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दिल्ली जाने का फैसला किया।
दोस्त की मदद से आगे बढ़े
दिल्ली पहुंचने के बाद नीरिश ने एक ऐसे दोस्त का साथ पाया जो खुद IAS की तैयारी (How to become IAS) कर रहा था। वह उनके साथ रहकर दिन-रात 18 घंटे पढ़ाई करने लगे। नौकरी छूटने के बाद, नीरिश के पास पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने अपने दोस्त से नोट्स उधार लेकर पढ़ाई जारी रखी।
बिना कोचिंग के सफलता
नीरिश ने अपने तीसरे प्रयास में बिना किसी कोचिंग के सफलता प्राप्त की। उन्होंने दोस्त के नोट्स और किताबों (UPSC preparation notes) के माध्यम से अध्ययन किया और आखिरकार और देश की सेवा कर रहे हैं। नीरिश राजपूत की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर आपके अंदर संघर्ष करने की भावना है, तो कोई भी मुश्किल आपको रोक नहीं सकती। उनकी मेहनत और समर्पण (IAS kaise bane) की वजह से ही वह आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं।