Success Story : परिवार वालों ने रखी शर्त, IAS बनो या कर लो शादी, बेटी ने कर दिखाया ये कमाल
IAS Success Story :पुराने समय की बात तो छोड़ो आज के समय में भी कुछ प्रतिशत लोग ऐसे है जो लड़कियों को पढ़ाने-लिखाने और कुछ बनाने में विश्वास रखते है। अभी भी आधे से ज्यादा जनसंख्या लड़कियों को अपने पैरों पर खड़ा ही नही होने देते है। उनसे ये कह दिया जाता है कि जो कुछ बनना है अपने ससुराल जा कर बन जाना लेकिन ऐसा कुछ नही हो पाता है। आज हम आपको एक ऐसी कहानी के बारे में बताने वाले है जिसमें कि मां-बाप ने अपनी बेटी के आगे ये शर्त ही रख दी कि या तो वो अपने इस प्रयास में आईएएस बन जाए या फिर उसकी शादी करा दी जाएगी। आइए जान लेते है क्या है पूरी कहानी...
My job alarm - (Inspirational IAS Success story) वर्तमान समय में जिसे देखो सिविल सर्विस की तैयारी करने में जुटा हुआ है। देश के अधिकतर युवा आज सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे है। और इसी में अपना भविष्य देख रहे है। कुछ तो इसे लेकर पागल है। ये तो आप जानते ही है कि बाकी परिक्षाओं की ही तरह हर साल संघ लोक सेवा आयोग की ओर से परिक्षा का आयोजन किया जाता है और लाखों की संख्या में परिक्षार्थी इसमें भाग लेते है। इनमें से कुछ सफल होते है तो कुछ अगली बारी की तैयारी शुरू कर देते है। आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताएंगे जिसने कि शर्तो पर अपना आईएएस बनने का सफर पूरा किया (success story) है।
आपको ये भी बता दें कि इन अभ्यर्थियों में कुछ लोग ऐसे भी शामिल होते हैं, जिन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए अच्छी खासी नौकरी तक छोड़ दी होती है। इस तरह की सफलता की कहानियों में कई लड़कियों के नाम भी सम्मिलित हैं। आज हम आपको जिसके बारे में बता रहे है वो भी ऐसी ही एक महिला आईएएस (female IAS in India) हैं जिन्होंने अफसर बनने के लिए खुद को 6 महीने के लिए कमरे में बंद कर लिया था। उनमें आईएएस बनने का ऐसा जुनून कि वह पढ़ाई में इस कदर खो गईं कि घरवालों से भी बात नहीं कर पाती थीं।
लेकिन जब उनका यूपीएससी परीक्षा का परिणाम (UPSC Exam result) आया तो उनकी कड़ी मेहनत आखिरकार जीत गई। आज हम जिस महिला अशिकारी की बात कर रहे है उस महिला अफसर का नाम है निधि सिवाच। चलिए जानते हैं आईएएस निधि सिवाच की सफलता (Success story of IAS Nidhi Siwach) की पूरी कहानी।
IAS निधि सिवाच का परिचय
ऊपर हम जिस महिला की बात कर रहे है वो है निधि सिवाच जो कि हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली (IAS Nidhi Siwach success story) हैं। उन्होंने गुरुग्राम से 10वीं की परीक्षा पास की और उसके बाद इंजीनियरिंग करने का मन बना लिया। 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद निधि सिवाच ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। निधि सिवाच ने अच्छे अंकों के साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। उन्होने पढ़ाई के मामले में कभी कॉम्प्रोमाइज नही किया है।
निधि सिवाच का करियर
ऐसा नही है कि ये महिला अवसर पहले बिलकुल ही फ्री थी। इसने भी अपनी नौकरी छोड़ परिक्षा का जुनून चुना था। इतना पढ़ने लिखने और डिग्री हासिल करने के बाद मैकेनिकल इंजीनियर निधि सिवाच (Mechanical Engineer Nidhi Siwach) को हैदराबाद की एक कंपनी में नौकरी भी मिल गई थी। इसके बाद वो हरियाणा से नौकरी के लिए हैदराबाद चली गईं। वहां 2 साल तक निधि ने नौकरी की लेकिन इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि वह नौकरी नहीं करना चाहती बल्कि आईएएस (IAS story) बनना चाहती हैं। वह अपनी नौकरी में सेट थीं लेकिन उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जाने का मन बना लिया और नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
असफलता का भी देखा मुंह
अब ऐसा जरूरी तो नही है कि हर किसी को एक ही बार में सफलता हासिल हो जाए। निधि सिवाच ने जब नौकरी छोड़ यूपीएससी में अपना भाग्य आजमाने का सोचा तो उन्हे अपने पहले 2 प्रयासों में मुंह की खानी पड़ी थी। लेकिन पूरी मेहनत से प्रशासनिक सेवा (administrative Services in India) में शामिल होने के लिए वह पढ़ाई करती। उनका पूरा फोकस यूपीएससी परीक्षा (UPSC exam) पर रहा। लगातार परीक्षा में असफलता मिलने पर और नौकरी भी न होने पर उनके ऊपर दबाव आने लगा।
घर वालों ने रख दी ये शर्त
लड़कियों को लेकर हमारे समाज में अभी भी रूढि़ वादी सोच समाप्त नही हुई है। अभी भी लड़कियों को घर वालों के नियम और शर्तो पर ही जीना पड़ता है। निधि सिवाच ने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ यूपीएससी की परिक्षा की तैयारी (UPSC exam preparation tips) शुरू करी थी। लेकिन नौकरी छोड़ने के बाद जब वो परिक्षा में भी 2 बार असफल हो गई तब घर वालों ने निधि के आगे शादी की शर्त रखी। उनके पास दो रास्ते थे या तो परीक्षा में पास हो जाएं या फिर शादी कर लें। घर वालों ने शर्त रख दी कि अगर इस बार वह फेल हुईं तो उनकी शादी करा दी जाएगी। निधि ने परिवार की इस शर्त को मान लिया। उन्होंने ठान लिया कि इस बार उन्हें आईएएस (IAS success story) की परीक्षा पास करनी ही है। और उन्होने ऐसा करके भी दिखाया।
निधि ने किया ये काम
घरवालों ने जब उनके आगे शर्त रखी तो शर्त के बाद ये उनके पास एक तरह से आखिरी प्रयास था और अपने आखिरी प्रयास में तो उन्हे किसी भी हाल में पास होना ही था। इसलिए उन्होंने और भी ज्यादा कड़ी मेहनत शुरु कर दी। निधि ने फोकस होकर पढ़ाई करने के लिए खुद को कमरे में बंद कर लिया। वह अपने कमरे से बाहर नहीं निकलती थीं। सारा वक्त किताबों और पढ़ाई में देतीं। परिवार के लोगों से भी उनकी बात कम होने लगी थी। वो सब से एक तरह से अलग सी ही हो गई थी।
बिना कोचिंग यूपीएससी में कर दिखाया टॉप
उनकी तैयार के बारे में बता दें कि निधि सिवाच (Nidhi Siwach biography) ने घर पर ही बिना कोचिंग के पढ़ाई की थी। इतना ही नही, तीसरी बार तो शर्त के साथ परीक्षा में उन्होंने अपना पूरा जोर लगा दिया। उनकी मेहनत रंग लाई, जब यूपीएससी परीक्षा परिणाम आने पर निधि ने अखिल भारतीय स्तर पर 83 रैंक हासिल (Nidhi Siwach rank) की और आईएएस बनने का अपना सपना पूरा कर दिखाया। साथ ही अपने परिवार वालों का नाम रौशन किया ।