IAS Officer : किसके पास होती है आईएएस ऑफिसर को सस्पेंड करने की पावर
Who Can Suspend An IAS : युपीएसएसी की परीक्षा पास करने के लिए हर साल लाखों अभ्यार्थी आवेदन करते हैं। यह देश की सबसे बडी सरकारी सेवाओं में सम्मिलित हैं। इसी के चलते इस पद तक पहुचंने के लिए कैंडिडेट्स (How To Suspand An IPS) को दिन रात एक करना पडता हैं। आईएएस या आईपीएस के पद तक पहुंचने के लिए कईं चरणों से गुजरना पडता हैं। लेकिन कईं लोगों के मन में यह सवाल होता हैं कि इतने बडे पद पर आसीन ऑफिसर को आखिर कौन सस्पेंड कर सकता हैं आइए जानते हैं इसके बारे में पुरी डिटेल...
My job alarm - (Terminate An IAS Officer) सिविल सर्विसेज का नाम ही बडा होता हैं। यह हमारे देश के सबसे प्रतिष्ठित पद हैं। युपीएससी यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन इस पद से जुडे सारे कार्यभार संभालती हैं। इसके साथ ही कैंडिडेट्स का चुनाव करने की जिम्मेदारी भी इन्हीं की होती हैं कि किस प्रकार इस परीक्षा को (Can UPSC Terminate An IAS) नियोजित करना हैं। इसके बाद जिन अभ्यार्थियों का चुनाव किया जाता हैं वो आईएएस और आईपीएस के पद पर आसीन होते हैं। एक बार सर्विस ज्वॉइन कर लेने के बाद इन्हें पद से हटाना आसान नहीं होता। इसी के चलते हम आपको इस आर्टिकल में इन्हीं सवालों का जवाब देने का जा रहे हैं कि यदि इन पदों पर आसीन किसी अधिकारी को सस्पेंड करना हो तो यह अधिकार किसके पास होता हैं।
यूपीएससी नहीं ले सकती फैसला -
जैसा कि IAS और IPS के पदों के लिए चुनाव का कार्य युपीएससी द्वारा किया जाता हैं। तो आपके मन में आ रहा होगा कि इन अधिकारियों को सस्पेंड करने का हक भी इन्हीं के पास होता होगा, तो आपको बता दें कि उन्हें पद से (How To Terminate An IAS Officer) हटाने या सस्पेंड करने में इनकी कोई भूमिका नहीं होती। इतना ही नहीं एक आईएएस ऑफिसर को उस राज्य की सरकार भी सस्पेंड नहीं कर सकती। यानी युपीएएसी का पद चयनित के बाद कोई रोल नहीं रह जाता हैं।
IAS और IPS भी हो सकते हैं सस्पेंड -
बता दें कि इस पद पर आसीन होने के बाद इन्हें यहां से हटाना आसान बात नहीं हैं। यहां तक की यह राज्य सरकार भी नहीं कर सकती हैं। लेकिन यदि कोई सिविल सर्विसेज का अधिकारी कोई क्राइम करने पर या भारतीय संविधान के अंडर आने वाले किसी नियम का उल्लंघन कर देता हैं तो ऐसी स्थितियों में ऑफिसर को भी सस्पेंड किया जा सकता हैं। लेकिन यह अधिकार सिर्फ देश के राष्ट्रपति के पास होता है। उनके ऑर्डर पर ही किसी आईएएस यानी इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर को पद से हटाया जा सकता है।
इस अनुच्छेद में मिलता है उल्लेख -
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 में आईएएस अधिकारी से जुड़े नियम और अधिकारों के बारे में बताया गया है. इसके मुताबिक, आईएएस अधिकारी को सस्पेंड करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास होता है। इस धारा के तहत (UPSC) यदि कोई अधिकारी किसी क्राइम में दोषी ठहराया जाता है तो उसकी रैंक भी कम की जा सकती हैं तथा मामले में गंभीरता होने के कारण उसे औपचारिक रूप से सस्पेंड भी किया जा सकता हैं। इसमें वर्णित नियमों के मुताबिक संघ में एक सिवल सेवक राष्ट्रपति की इच्छा से काम करता है और केवल उनके आदेश पर ही उसे पद से हटाया जा सकता है। यूपीएससी की इसमें कोई भूमिका नहीं होती।
IAS को सस्पेंड कौन कर सकता है -
जहां एक IAS को पद से हटाने का अधिकार केवल राष्ट्रपति के पास है, वहीं उसे निलंबित करने का अधिकार राज्य सरकार के पास भी होत है लेकिन इसका इस्तेमाल खास स्थितियों में ही किया जा सकता है। 30 दिनों के बाद संस्पेंशन जारी रखने के लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार से परमिशन लेनी होती है। लेकिन आईएएस ऑफिसर को तभी सस्पेंड किया जा सकेगा, जब कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) का प्रभार संभाल रहे मंत्री मंजूरी देंगे।
पूजा खेडकर मामला -
फर्जी दस्तावेज लगाकर और दिव्यांग कोटे का इस्तेमाल करके पद पाने के मामले में (Who Can Suspend Pooja Khedkar) फंसी पूजा खेडकर को खिलाफ यूपीएससी ने एफआईआर दर्ज की है. लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी ने उनका ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द कर दिया है. इस मामले में अंतिम फैसला देश की राष्ट्रपति ही लेंगी.