Bihar Success Story : पढ़ाई के साथ-साथ बेची सब्जी, गरीबी से लड़कर ऐसे बने IAS अफसर
IAS Success Story : हालात से लड़कर सफलता पाने वाले चुनिंदा ही होते हैं। इसके लिए अदब हौसले और सहनशक्ति के साथ-साथ मेहनत करने की जरूरत होती है। गरीबी के कारण कभी सब्जी बेचकर गुजारा करने वाले बिहार के इस शख्स ने आइएएस (success tips) बनने का सपना संजोया था और मेहनत से मुकाम पा ही लिया। आइये जानते हैं इनके संघर्ष व सफलता की कहानी।
My job alarm - (UPSC Success Story) कई लोग कठिन परिस्थितियों से हार मानकर वक्त के अनुसार ढल जाने में ही गनीमत समझते हैं तो कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो चुनौतियों से पार पाकर वक्त को ही अपने अनुसार ढाल लेते हैं। बेहद गरीबी में जीवन जीने वाले मनोज कुमार राय (IAS Manoj kumar rai) के सामने भी चुनौतियां और कठिनाइयां कम नहीं थीं। लेकिन उन्होंने मुश्किल से मुश्किल हालात से भी लड़कर खुद को साबित करके दिखाया और आइएएस (IAS kaise bne)की कुर्सी तक पहुंचे।
हालात बदलने के लिए किया लक्ष्य तय-
सुविधाओं के अभाव में अपनी मेहनत और लगन से मुकाम हासिल करने वाले बिहार के एक छोटे से गांव सुपौल (Supaul, a small village in Bihar) के रहने वाले मनोज कुमार राय (IAS Manoj kumar rai success story) के परिवार में कभी दो वक्त की रोटी जुटाने की भी समस्या थी। ऐसे मुश्किल हालात में वे सब्जी व अंडे बेचकर अपनी पढ़ाई का खर्च निकालते थे और परिवार का सहारा बने थे। हालातों को बदलने के लिए मनोज ने कुछ स्टूडेंट्स से मुलाकात होने पर कुछ अलग करने की ठानी और आइएएस बनने का लक्ष्य तय करके उसे हासिल (IAS Manoj kumar rai ki kahani) भी कर दिखाया।
छात्रों से मुलाकात बना टर्निंग प्वाइंट-
1996 में मनोज ने अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए दिल्ली में काम करने का फैसला किया। यहां पर उन्होंने अंडे और सब्जियां बेचना शुरू किया। इसके साथ ही कई दफ्तरों में झाड़ू पोंछा मारने का भी काम किया। एक दिन जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (Jawaharlal Nehru University)में कुछ सामान पहुंचाने के काम से मनोज कुमार वहां गए तो कुछ छात्रों से उनकी मुलाकात हुई। उन्हीं छात्रों ने मनोज कुमार को यूपीएससी परीक्षा (UPSC exam tips) के बारे में बताया। इसके बाद मनोज ने भी लक्ष्य बनाया और दिन रात मेहनत करने जुट गए।
मेहनत से ऐसे बदली जिंदगी-
इसके बाद मनोज ने फिर से पढ़ाई करने के लिए दिल्ली के श्री अरबिंदो कॉलेज में दाखिला ले लिया। साल 2000 में बीए की डिग्री हासिल की। इस दौरान भी वे पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए अंडे और सब्जियां बेचते थे। बीए करते ही 3 साल तक दिन देखा न रात, यूपीएससी की जमकर तैयारी (UPSC ki taiyari kaise kren) की। चौथे अटेम्प्ट में साल 2010 में उन्हें सफलता मिली और अपने सपने को पूरा किया। यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam)में अपना 870वां रैंक लाकर वह आईएएस की कुर्सी तक पहुंच गए। आज वे अनेक लोगों के लिए प्रेरणा की मिसाल बने हुए हैं।