Toll Tax : नितिन गडकरी ने दिया बड़ा अपडेट, 24 सालों में सरकार ने टोल से कमाए कई लाख करोड़ रूपए, जानिए कौन-सा राज्य है टॉप पर
My Job Alarm - (Toll tax deduction) देश में हर एक शहर की सीमा पर आपको टोल प्लाजा देखने को मिल ही जाएगा। आपने भी कभी न कभी तो टोल टैक्स का भुगतान स्वयं से किया ही होगा। टोल टैक्स का भुगतान हर उस शख्स को करना होता है जो कि नेशनल हाइवे का इस्तेमाल करता है। नेशनल हाइवेज पर जो टोल वसूला जाता है, उससे सरकार की कमाई होती है। लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि जो टोल वसूला (toll tax rules) जाता है, उससे सरकार को कितनी कमाई होती होगी। अगर आप इस बारे में नही जानते है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब सरकार ने खुद ही इसकी जानकारी दी (government earnings from toll tax) है।
कितनी हुई कमाई?
सरकार की कमाई के बारे में बता दें कि नेशनल हाइवेज पर साल 2000 के बाद से अब तक करीब 2.1 लाख करोड़ रुपये यूजर फी के रूप में आए हैं। यह केंद्र की तरफ से राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे के राष्ट्रव्यापी नेटवर्क के निर्माण पर किए गए खर्च का एक छोटा सा हिस्सा है। वहीं, पिछले 24 साल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल में चलने वाले टोल प्लाजा (toll plaza) पर टैक्स के रूप में सरकार को 1.44 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Transport Minister Nitin Gadkari) ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। सरकार की ओर से खुद इस इनकम का खुलासा किया गया है।
टोल से कमाई के मामले में यूपी टॉप पर
आपकी जानकारी के लिए हम आपको ये बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highway Authority of India) को केवल उन सेक्शंस से टोल मिलता है जो 100% सरकारी फंडिंग से बनाए गए हैं। राज्यों में सबसे अधिक टोल उत्तर प्रदेश में हाईवे यूजर्स से आया है। यूपी में देश का सबसे बड़ा हाईवे नेटवर्क भी है। वहीं, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड जैसे पूर्वोत्तर राज्यों से कोई टोल राजस्व नहीं मिला। एनएच-48 के गुड़गांव-जयपुर कॉरिडोर ने यूजर्स शुल्क के रूप में लगभग 8,528 करोड़ रुपये लिए (NHAI) हैं।
45,000 किलोमीटर नेशनल हाइवेज पर टोल
अगर टोल नेटवर्क की बात करें तो इस समय 1.5 लाख किलोमीटर में से करीब 45,000 किलोमीटर नेशनल हाइवेज (National Highway) पर टोल लगाया जा रहा है। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Transport Minister Nitin Gadkari) का कहना है कि सरकार फास्टैग के साथ एक अतिरिक्त फीचर लेकर आई है, इसमें इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम (Electronic Toll Collection System) का उपयोग करते हुए मुफ्त टोलिंग के कार्यान्वयन की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि अभी ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम बेस्ड टोलिंग सिस्टम (Global Navigation Satellite System Based Tolling System) नेशनल हाइवेज पर कहीं भी लागू नहीं है। सरकार केवल उन हाईवे पर टोल लेती है, जो कम से कम ढाई लेन के हैं। मंत्रालय ने एक और सवाल के जवाब में बताया कि पिछले 5 वर्षों में सरकार ने एनएच के निर्माण और रखरखाव के लिए 10.2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं।