My job alarm

salary account के हैं अनगिनत फायदे, अधिकतर लोग हैं अनजान

Salary account benefits : आजकल सभी नौकरीपेशा लोगों को सैलरी अकाउंट हाेते हैं लेकिन ज्यादातर लोग इस खाते से सिर्फ सैलरी निकालने तक ही सिमित रह जाते हैं। सैलरी अकाउंट के फायदों (salary account ke fayde) से अनेक लोग अनजान होते हैं और सैलरी अकाउंट पर मिलने वाले फायदाें से वंचित रह जाते हैं। आइए आपको बताते हैं सैलरी अकाउंट पर मिलने वाले फायदों के बारे में, जो आपके लिए काफी लाभकारी साबित होंगे।  

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salary account के हैं अनगिनत फायदे, अधिकतर लोग हैं अनजान 

My job alarm - (salary account ke benefits) आमतौर पर लोगों की सिर्फ यही धारणा है कि सैलरी अकाउंट केवल सैलरी के आदान-प्रदान करने के लिए ही इस्तेमाल होता है। लेकिन कुछ नाम मात्र लोग हैं जो इन खातों के फायदों के बारे में जानते हैं और इसका लाभ (benefits of salary account)उठा सकते हैं। आपको बता दें कि सैलरी अकाउंट के एक नहीं अनेक फायदे हैं, जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे। अगर आप भी सैलरी अकाउंट धारक हैं तो आज से ही इस अकाउंट के तमाम फायदे लेना न भूलें।


1. एटीएम ट्रांजैक्शन पर नहीं लगता शुल्क -

कई बैंकों में सैलरी अकाउंटधारकों को एटीएम ट्रांजैक्शन (ATM transaction rules)पर कोई शुल्क नहीं लिया जाता। इसका मतलब यह है कि अगर आपके पास सैलरी अकाउंट है, तो आप बिना किसी चिंता के एटीएम से कई बार ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। आपको यह चिंता करने की जरूरत नहीं होती कि आपने कितनी बार आपने एटीएम से पैसे निकाले हैं, क्योंकि सैलरी अकाउंट पर साल भर कोई एटीएम चार्ज (salary account par ATM transaction charge)नहीं लिया जाता है।


2. लोन मिलना होगा आसान -

सैलरी अकाउंट धारकों को कई बैंकों द्वारा पर्सनल लोन (salary account par loan kaise milega) पर विशेष ऑफर दिए जाते हैं। इनमें प्री-अप्रूव्ड लोन की सुविधा भी शामिल होती है, यानी आपको लोन के लिए पहले से मंजूरी मिल जाती है, जिससे प्रक्रिया तेज हो जाती है। इसके अलावा, कुछ बैंकों में सैलरी अकाउंट धारकों को हाउसिंग और कार लोन (car loan rules on salary account) पर भी विशेष छूट और ऑफर दिए जाते हैं, जो उन्हें बेहतर दरों और आसान शर्तों पर लोन लेने में मदद करते हैं।

3. बिना बैलेंस के भी निकाल सकते हैं पैसे  -

कुछ सैलरी अकाउंट्स में ओवरड्राफ्ट (salary account par overdraft ki suvidha)की सुविधा भी दी जाती है, जो आपको अपनी सीमा तक पैसे निकालने की अनुमति देती है, भले ही आपके खाते में बैलेंस न हो। हालांकि, यह सुविधा आमतौर पर कुछ शर्तों (salary account rules)के तहत होती है, जैसे कि खाते का कम से कम दो साल या उससे अधिक समय तक चलना जरूरी होता है। इस सुविधा के माध्यम से, अगर अचानक पैसों की ज़रूरत पड़े, तो आप बिना बैलेंस के भी निर्धारित सीमा तक पैसे निकाल सकते हैं।

 4. मुफ्त ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की सुविधा -

कई बैंकों में सैलरी अकाउंट धारकों को मुफ्त चेकबुक, पासबुक और ई-स्टेटमेंट की सुविधाएं मिलती हैं। इससे वे बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अपने खाते की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं, चाहे ऑनलाइन हो या ऑफलाइन। कुछ बैंक अपने ग्राहकों को मुफ्त ऑनलाइन ट्रांजैक्शन(online transaction rules)की सुविधा भी प्रदान करते हैं, जैसे कि NEFT और RTGS, जो बिना किसी चार्ज के उपलब्ध होती हैं। इसके अलावा, कई बैंकों में सैलरी अकाउंट पर IMPS ट्रांजैक्शन की सुविधा भी दी जाती है, जिससे पैसे का लेन-देन तेज और सरल हो जाता है।


 5. सैलरी खाता होने से लॉकर चार्ज में छूट -

कई बैंकों में सैलरी अकाउंट के धारकों को लॉकर सेवाओं पर छूट मिलती है। हालांकि, अगर बैंक को यह पता चलता है कि लंबे समय से आपके खाते में सैलरी जमा नहीं हो रही है, तो बैंक द्वारा दी गई सभी विशेष सुविधाएं (salary account ke kya fayde hain)वापस ले ली जाती हैं। ऐसे मामलों में, आपका सैलरी अकाउंट सामान्य सेविंग्स अकाउंट के रूप में बदल सकता है।

6. मिनिमम बैलेंस की नहीं होती शर्त-

सैलरी अकाउंट सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए होता है जो किसी कंपनी या संगठन में काम करते हैं। इसे कंपनी की सिफारिश पर खोला जाता है। इसके मुकाबले, सेविंग्स अकाउंट कोई भी व्यक्ति खोल सकता है। जहां तक शेष राशि की बात है, सेविंग्स अकाउंट (saving account ke fayde) में अक्सर ग्राहकों से एक न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की उम्मीद होती है और अगर वह इसे नहीं बनाए रखते हैं तो बैंक जुर्माना या शुल्क लगा सकता है। वहीं, सैलरी अकाउंट (salary account minimum balance limit) में इस तरह की कोई शर्त नहीं होती, यानी खाताधारक अपना खाता शून्य बैलेंस के साथ भी रख सकते हैं, बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के।

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