2 हजार के नोट के बाद 100 रुपये के नोट को लेकर RBI ने जारी किया बड़ा अपडेट, आपके लिए जानना जरूरी
RBI new Guidelines : बैंकों के अलावा भारतीय नागरिकों के लिए भी आरबीआई समय-समय पर नए अपडेट्स देता रहता है, साथ ही गाइडलाइन भी जारी करता है। पहले 2000 के नोट को लेकर आरबीआई की ओर से कई अपडेट दिए गए, इसके बाद अब 100 रुपये को लेकर बड़ी जानकारी साझा की है। आइये जानते हैं इस बारे में डिटेल से इस खबर में।
My job alarm - (indian currency) कई लोगों के साथ ये वाकया होता रहता है कि किसी के द्वारा नोट को नकली बताकर लेने से इंकार कर दिया जाता है। ऐसा आपने भी देखा-सुना होगा। इस तरह का वाकया तभी होता है जब हमें नोट की असली या नकली होने की पहचान नहीं होती और शातिर आंखों में धूल झोंककर चूना लगा जाते हैं। बाद में पछताने के सिवा कुछ नहीं बचता। इसलिए नोटों के असली व नकली की पहचान करने के बारे में जान लेना बहुत जरूरी है। खासकर 100 के नोट (nakli note ki pahchan kaise kren) के मामले में भी यही बात लागू होती है, क्योंकि पिछले कुछ ही दिनों में मार्केट में कई 100 के नकली नोट होने की शिकायतें आई हैं।
ऐसे पहचानें असली व नकली नोट
वाटरमार्क (Watermark) के जरिये
RBI के अनुसार आप वाटरमार्क को देखकर 100 रुपये के असली व नकली (100 rupye ka asali note kaise pahchane) होने की पहचान आसानी से कर सकते हैं। असली नोटों में महात्मा गांधी की तस्वीर में वाटरमार्क के साथ हल्की, छाया प्रभाव और वाटरमार्क विंडो दी गई है, इसमें अलग-अलग दिशाओं की रेखाएं हैं।
सुरक्षा धागे (Security Thread) से करें पहचान
100 रुपये के नोट में सिक्योरिटी थ्रेड यानी सुरक्षा धागा (security thread in notes) दिया गया है, जो 'भारत', '100' और 'RBI' के साथ आगे और पीछे दोनों ओर दिखाई देता है। 500 रुपये के नोट में भी यह ऐसे ही दिखाई देता है।
अगर 500 और 100 रुपये के नोटों को लाइट के सामने करेंगे तो यह सुरक्षा धागा एक रेखा के रूप में दिखता है।
अगर छोटे नोटों यानी 5 रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये और 50 रुपये के असली नोटों की बात करें तो इनमें सुरक्षा धागे पर 'भारत' और 'RBI' का शिलालेख छपा होता है। महात्मा गांधी के नोटों (asali nakli note ki pahchan kaise kren) की सीरीज में पहले से जारी किए गए नोटों में सिंपल सुरक्षा धागा एम्बेडेड यानी अंतनिर्हित होता है।
अव्यक्त छवि से ऐसे पहचानें असली नोट
500 रुपये, 100 रुपये, 50 रुपये और 20 रुपये के नोटों (fake notes news) के आगे की तरफ, महात्मा गांधी के चित्र के दाईं ओर वर्टिकल बैंड के अंकों में लेटेंट इमेज होती है। यह नोट को आंखों के आगे होरिजेंटल तरीके से नोट को देखने पर ही दिखाई देती है।
छोटे अक्षरों से ऐसे पहचानें नोट
छोटे अक्षरों में 20 रुपये और इससे बड़े नोटों (How to identify fake notes)में छोटे अक्षरों में नोटों का अंक लिखा होता है। ये सूक्ष्म अक्षर वर्टिकल बैंड और महात्मा गांधी की तस्वीर के बीच मिलेंगे। छोटे नोटों यानी 5 रुपये और 10 रुपये के नोटों में 'RBI' लिखा हुआ होता है।
इंटैग्लियो प्रिंटिंग
महात्मा गांधी के तस्वीर पर एक तरफ भारतीय रिजर्व बैंक (reserve bank of india) की मुहर, धारक के लिए गारंटी वचन, बाईं ओर अशोक स्तंभ का प्रतीक, RBI गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं। ये नोटों में उभरी हुई इंटैग्लियो प्रिंटिंग में होते हैं। जिसे स्पर्श करके आसानी से महसूस किया जा सकता है। दृष्टिहीन लोग भी इनसे असली नोट होने की पहचान कर सकते हैं। यह खासियत 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये और 500 रुपये के नोटों (500 rupees fake notes) में भी होती है। बता दें कि नोटों के नंबर पैनल फ्लोरोसेंट स्याही से छापे जाते हैं। असली नोटों में ऑप्टिकल फाइबर भी होते हैं।
पहचान चिह्न के माध्यम से
नोटों में आइडेंटिफिकेशन मार्क भी असली व नकली नोट का भेद करने में अहम भूमिका निभाता है। 10 रुपये के नोट के अलावा सभी नोटों पर वाटरमार्क विंडो के बाईं ओर इंटैग्लियो में विशेष प्रिंटिंग होती है। ये नोट के अनुसार अलग-अलग आकार में होती है। 100 रुपये के नोट (100 rupees note) पर इसका आकार त्रिकोणीय होता है।
भारत में इन जगहों पर छपते हैं नोट
भारतीय मुद्रा में (Indian Currency) जितने भी नोट हैं, सबकी छपाई (noto ki chpayi kaha hoti hai) केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के निर्देशों पर ही होती है। इनके लिए सरकारी प्रिंटिंग प्रेस होती है। नोट छापने के लिए देश में अलग-अलग शहरों में 4 सरकारी प्रिंटिंग प्रेस लगाई गई हैं। एक महाराष्ट्र के नासिक में है तो दूसरी देवास में लगाई गई है। तीसरी कर्नाटक के मैसूर में व चौथी पश्चिम बंगाल के सालबोनी में है।
नोटों का कागज व स्याही होती है खास
नोट छापने के लिए आम स्याही नहीं होती, बल्कि यह एक विशेष प्रकार की स्याही होती है। इस स्याही को स्विजरलैंड की एक कंपनी तैयार करती है। अलग-अलग इंक अलग-अलग काम करती है। नोटों का कागज भी विशेष तरह का होता है। यहां पर यह भी बता दें कि बैंकों में नोट (indian currency news) गिनने वाली मशीन नकली नोट अलग कर देती है। ऐसे नोट को कर्मचारी खुद चेक कर सकते हैं। नकली नोट को क्रॉस कर दिया जाता है।