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RBI ने बताया- बैंक लॉकर में कितनी सेफ है आपकी संपत्ति, ये हैं नियम

Bank Locker Rules: आप लोग जानते होगें कि बैंक आपको लॉकर की भी सुविधा देते हैं। कई लोग अपने जरूरी सामान यानी ज्वेलरी डॉक्यूमेंट रखने के लिए बैंक लॉकर का इस्तेमाल करते है। बैंक लॉकर के नियम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित किये जाते हैं आरबीआई ने हाल ही में बैंक लॉकर के नई गाइडलाइन्स जारी की है। अगर (Bank Locker) आपके पास भी बैंक लॉकर है या आप लेने की सोच रहे हैं तो आपको जान लेनी चाहिए कि यहां आपकी संपत्ति कितनी सुरक्षित हैं...
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RBI ने बताया- बैंक लॉकर में कितनी सेफ है आपकी संपत्ति, जानिये नियम

My job alarm -  Bank Locker Rules: बैंक चाहे पब्लिक सेक्टर हो या प्राइवेट सेक्टर , कस्टमर्स को लॉकर सुविधा मुहैया कराते हैं।  इसके बदले बैंक को निर्धारित शुल्क देने होते हैं। हालांकि इसके कुछ नियम हैं जिनके बारे में जानना आपके हित में है। बैंक लॉकर (Bank Locker) में चीजें सुरक्षित रहेंगी, घर पर रखने में खतरा है। इसी सोच के साथ लोग लोग बैंक लॉकर में बेशकीमती चीजें, खासकर गहने रखते हैं। अगर आप भी बैंक (Indian Bank Locker) लॉकर में सामान रखते हैं तो पहले नियम जान लें बैंक लॉकर में रखीं चीजों की क्या बैंक गारंटी लेता है? जैसे कि अगर बैंक लॉकर में आपने बहुमूल्य संपत्ति जैसे सोना, चांदी और नकदी आदि चीजें रखी हैं तो आग, बाढ़ और चोरी के मामले में बैंक की देनदारी कितनी है? आइए जानते हैं इसके बारे में पुरी डिटेल -
 
अगर बैंक लॉकर में आपका कीमती सामान बाढ़, भूकंप, दंगा, आतंकवादी हमले, ग्राहक की लापरवाही आदि के कारण चोरी या क्षतिग्रस्त (Reserve Bank Of India) हो जाता है तो सबसे पहली उम्मीद बैंक से होगी कि वह इस नुकसान की भरपाई करे, लेकिन ऐसा नहीं है। जी हां, ये बात सच हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, बैंकिंग यूनिट अपने लॉकर में रखे कीमती सामान के लिए जिम्मेदार नहीं है। इसका नुक्सान ग्राहक को ही उठाना पडता हैं। 


RBI संशोधित नियम-
बता दें कि आरबीआई बैंक ग्राहकों के हित के लिए समय समय पर नियमों में बदलाव करता रहता हैं। इसी के चलते RBI के संशोधित नियमों के मुताबिक, बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके द्वारा कराए गए लॉकर एग्रीमेंट में कोई अनुचित शर्त तो शामिल नहीं हैं, जिससे ग्राहक को नुकसान होने पर बैंक आसानी से किनारा कर सके। 


किराये का 100 गुना होगी देनदारी -
अगर आग, चोरी, डकैती, इमारत ढहने या उसके कर्मचारियों की ओर से की गई धोखाधड़ी जैसी घटनाओं की स्थिति में बैंक की देनदारी (What is bank locker) सुरक्षित जमा लॉकर में सालाना किराये का केवल 100 गुना के बराबर होगी। यहां भी आपको मिलने वाला मुआवजा बहुत कम है। मान लीजिए अगर सालाना लॉकर शुल्क एक हजार रुपये है तो बैंक केवल एक लाख रुपये देगा, चाहे आपके लॉकर में कितनी भी मूल्यवान संपत्ति हो। 

 

अधिक सावधानी बरतते हैं बैंक -
इस बात में कोई दोहराई नहीं हैं कि ग्राहकों की संपत्ति को सु​रक्षित रखने के लिए बैंक ज्यादा सावधानी बरतते हैं। हालांकि भूकंप, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण लॉकर सामग्री की क्षति या हानि के मामले में बैंक की ​कोई जिम्मेदारी नहीं है। एक्सपर्ट के अनुसार यदि कोई लापरवाही बैंक के द्वारा होती हैं तो बैंक उस दायित्व का वहन करने का जिम्मेदार हैं। 


क्यों नहीं होती बैंकों की नुकसान की जिम्मेदारी -
आरबीआई के नियमों के अनुसार किसी भी व्यक्ति की जमा संपत्ति के पूरे नुक्सान की भरपाई की जिम्मेदारी बैंकों की नहीं होती। इसका कारण यह भी हैं (bank locker rules in case of theft) कि बैंकों को खुद नहीं पता होता है कि लॉकर में क्या रखा है और न ही उसकी कीमत पता होती है। इसी के चलते किसी आंशिक नुक्सान के चलते बैंक द्वारा मुआवजे के लिए उसकी कीमत लगाना असंभव हो जाता है। 

 

क्या आप ओपन कर सकते हैं बैंक लॉकर -
कई लोगों का सवाल होता है कि बैंक लॉकर किन्हें मिलता है। आरबीआई ने बताया कि बैंक लॉकर केवल उन खाताधारक को मिलता है जिनका बैंक में सेविंग अकाउंट (Savin Account) या करंट अकाउंट (Current Account) हो। अगर कस्टमर बैंक लॉकर ओपन करवाना चाहता है तो उसके लिए केवल पैन कार्ड (PAN card) या आधार कार्ड (Aadhaar card) की जरूरत होती है। इसके अलावा एड्रेस प्रूफ भी जमा करना होता है।

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