Personal Loan : क्या लोन नहीं भरने पर हो सकती है जेल, लोन लेने वालों को पता होना चाहिए ये नियम
My job alarm - (Personal Finance ) आज के समय में अगर आप पर कोई आर्थिक तंगी आती है तो पहले के समय की तरह आपको चिंता करने की कोई आवश्यक्ता नही होती है क्योंकि आज के समय में लोन जैसी सुविधाएं आ गई है जो कि आपकी इस मुश्किल को चुटकियों में हल कर देती है। लोन दो तरह का होता है सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन। सिक्योर्ड लोन (secured loan) में होम लोन, कार लोन आदि शामिल होते है जिसमें कि गारंटी के तौर पर आप कुछ गिरवी रखते है। वहीं दूसरी ओर अनसिक्योर्ड लोन (unsecured loan) में पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड लोन आदि शामिल है। इस तरह के लोन में किसी भी तरह की संपार्श्विक (collateral for loan) की ज़रूरत नहीं होती।
आजकल कई लोग अपने व्यक्तिगत कामों के लिए पर्सनल लोन (personal loan) का सहारा लेते हैं। ऐसे में अगर किसी ने किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से पर्सनल लोन ले रखा है और किसी कारणवश उसे नहीं चुका पाता है, तो आगे क्या हो सकता है? अब अचानक कोई वित्तीय समस्या (finance tips) आ जाने पर लोन चुकाने में समस्या आ जाती है, कई कारणों से लोन लेने वाला उसे चुकाने में असमर्थ हो सकता है। आइए जान लें विस्तार से...
क्या होता है पर्सनल लोन?
पर्सनल लोन वह लोन है जो कोई व्यक्ति किसी व्यक्तिगत काम जैसे कोई महंगी चीज खरीदने या दूसरे किसी काम के लिए बैंक से कर्ज (bankl loan) लेता है। यहां आप ये जरूर जान लें कि पर्सनल लोन 2 तरह का होता है, सुरक्षित पर्सनल लोन और असुरक्षित पर्सनल लोन।
असुरक्षित पर्सनल लोन
जानकारी के अनुसार असुरक्षित पर्सनल लोन वह होता (what is unsecured personal loan) है, जहां बैंक आपके निजी वित्तीय योग्यता के आधार पर ग्राहकक को कर्ज देता है। इसके लिए बैंक आपसे वेतन, पहले से लिया हुआ कर्ज, आय प्रमाणपत्र, सिबिल स्कोर और बैंक स्टेटमेंट आदि की मांग करता है। अगर सिम्पल शब्दों में समझे तो बैंक बिना कोई चीज गिरवी रखे आपको कर्ज दे देता है, उसे ही असुरक्षित लोन कहते हैं।
सुरक्षित पर्सनल लोन
वहीं, दूसरी ओर अगर हम सुरक्षित लोन (what is secured personal loan) की बात करें तो इस तरह के लोन में बैंक आपसे कोई चीज या संपत्ति गारंटी के तौर पर मांगता है। इसमें आपके लोन राशि के बदले बैंक अपने पास कुछ आपकी संपत्ति या सामान गिरवी रखता है। बता दें कि यह अचल संपत्ति कुछ भी हो सकती है। इसमें बैंक को ज्यादा जोखिम नहीं उठाना पड़ता है,क्योंकि अगर आवेदक लोन नहीं चुकाता है, तो बैंक उस गिरवी रखी संपत्ति को बेचकर लोन की रकम की वसूली करता है।
सुरक्षित पर्सनल लोन नहीं चुकाने पर बैंक का एक्शन
हमारे देश में ये नियम है कि जब भी बैंक किसी को पर्सनल लोन देता (personal loan interest rates) है, तो वह भारतीय अनुबंध अधिनियम 1872 के तहत कानूनी समझौता करता है कि आप लोन की ली गई रकम का भुगतान तय समय पर करेंगे। अब ये तो जाहिर सी बाता है कि किस्त या ईएमआई का नियमित भुगतान न करने पर आपका लोन अनियमित हो जाएगा। ऐसी स्थिति में बैंक के पास ये अधिकार होता है कि वह अपने पैसे की वसूली के लिए कानून का सहारा ले। सबसे पहले बैंक आपसे व्यक्तिगत संपर्क करेगा और आपसे कर्ज का पुनर्भुगतान (loan repayment rules) करने के लिए कहेगा। ऐसा नहीं करने पर नोटिस भेजेगा और कानूनी कार्यवाई करने की चेतावनी देगा।
चेतावनी के बाद भी अगर लोनधारक (loan holders news) कोई रिस्पॉन्स नहीं देता है, तो बैंक अदालत में दावा पेश करेगा, जिसका खर्च लोन लेने वाला को देना होगा। बैंक अदालत में उस चेक को पेश करेगा, जिसे आपने लोन लेते वक्त उसे दिया था। चेक बिना भुगतान वापस की विनिमय साध्य विलेख अधिनियम की धारा 138 के तहत अलग से कानूनी कार्यवाई की जाएगी। इस धारा के तहत जेल और जुर्माने की सजा का भी प्रावधान (Provision for punishment of jail and fine on loan default) है। सबसे अंत में, अगर आपने दोनों नहीं चुकाया तो बैंक आपके द्वारा गिरवी रखी गई अचल संम्पत्ति की नीलामी करके अपने पैसे की वसूली करेगा।
असुरक्षित पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या कार्रवाई़?
नाम ही से पता चलता है कि इसमें कितना जोखिम होता है। इसी वजह से सबसे अधिक समस्या असुरक्षित पर्सनल लोन (loan interest rates in India) में ही पैदा होती है। सबसे मुश्किल बात तो ये कि इसमें रिकवरी के लिए बैंक के पास आपकी कोई संपत्ति नहीं होती है। ऐसे में बैंक लोन की रकम वसूलने के लिए अलग-अलग तरह के प्रयास करता है। असुरक्षित पर्सनल लोन में अधिक नुकसान बैंक को होता है। लोन की रकम नहीं चुकाने पर बैंक आपके खिलाफ कार्यवाई तो करेगा ही, लेकिन बैंक की भी कुछ सीमाएं होती हैं। बैंक आरबीआई (RBI rules) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ही कार्रवाई कर सकता है।
क्या है असुरक्षित पर्सनल लोन रिकवरी का प्रोसेस
लोन की ईएमआई बाउंस होने पर बैंक सबसे पहले लोन लेने वाले से सीधे संपर्क करेगा और इसको निबटाने की बात करेगा। फिर बैंक की ओर से आधिकारिक नोटिस (bank notice on emi bounce) जारी किया जाएगा। इसके बाद अगर बैंक के कॉल के बाद भी लोन नहीं चुकाते हैं, तो बैंक लोन रिकवरी एजेंसी को आपका लोन रकम भुगतान करने या सेटलमेंट के लिए भेज देते हैं। इसके बाद ये एजेंसी आपको कॉल करेंगी या फिर रिकवरी एजेंट को लोन रिकवरी (loan recovery process) के लिए आपके घर पर भेजेगा। यदि इसके बाद भी लोन चुकाने में असमर्थ हैं तो आपका लोन अमाउंट को बंद कर दिया जाता है। इससे सबसे बड़ा नुकसान आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है। अगर ऐसा हुआ तो आप भविष्य में लोन लेने में सक्षम नही होंगे या फिर उसमें आपको काफी मुश्किलें आएंगी।