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Joint Home Loan: पत्नी के साथ ज्वाइंट होम लोन से पहले जानिये इसके फायदे और नुकसान, चेक करें डिटेल

Joint Home Loan: ज्वाइंट होम लोन के बारे में तो आप जानते हैं इसी के चलते आपको बताने जा रहे हैं कि अक्सर लोग अपने जीवनसाथी या भाई-बहन के साथ मिलकर जॉइंट होम लोन लेते हैं लेकिन (savings account) आपको इसके फायदे और नुक्सान के बारे में पुरी जानकारी नहीं होती हैं। तो आइए जानते हैं इस आर्टिकल में ज्वाइंट होम लोन के बारे में पुरी जानकारी देने जा रहे हैं....
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Joint Home Loan : पत्नी के साथ ज्वाइंट होम लोन से पहले जानिये इसके फायदे और नुकसान, चेक करें डिटेल

My job alarm - (Joint Saving Account) आज के मंहगाई भरे समय में बिना लोन के घर बनाना आसान बात नहीं हैं। इसी के चलते ज्यादातर लोग होम लोन लेने का विकल्प चुनते हैं। लेकिन होम लोन लेने के लिए आपके पास डाउन पेमेंट के पैसे होना भी बेहद जरूरी हैं। लेकिन आप यह भी जानते हैं कि डाउन पेमेंट का एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया अकेला व्यक्ति पुरा नहीं कर पाता हैं। इसलिए इस क्राइटेरिया को पुरा करने के लिए एक विकल्प दिमाग में (Advantages of joint saving account) आता हैं जिसे आप ज्वाइंट होम लोन के नाम से जानते हैं। एक शख्स ज्वाइंट होम लोन के ज़रिए अपनी उधार लेने की क्षमता को बढ़ा सकता है। लेकिन आपको बता दें कि इसके फायदों के साथ-साथ इसके कुछ नुक्सान भी होते हैं, तो चलिए जानते हैं इस आर्टिकल में ज्वांइट होम से जुडा पुरा प्रोसेस-

ज्वाइंट होम लोन के लिए कौन कर सकता है अप्लाई -
आप अपने पति/पत्नी, भाई-बहन या माता-पिता के साथ जॉइंट होम लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। कोई भी फाइनेंशियल संस्थान आपको अपने मित्रों, बिज़नेस पार्टनर या ऐसे लोगों के साथ अप्लाई ( joint bank account) करने की अनुमति नहीं देता है, जो आपके परिवार के करीबी सदस्य नहीं हैं। इसलिए, आपको केवल परिवार के सदस्य को ही शामिल करना चाहिए। बता दें कि इसमें प्रॉपर्टी में को-बॉरोअर का को-ओनर होना अनिवार्य नहीं है। “ज्वाइंट होम लोन आपकी लोन एलिजिबिलिटी को बढ़ाने और (PM Jan Dhan Yojana) सभी को-बॉरोअर्स के लिए इनकम टैक्स प्राप्त करने में मदद करता है। आप अपने जीवनसाथी, माता-पिता और बच्चे के साथ ज्वाइंट लोन ले सकते हैं। 

क्या है ज्वाइंट होम लोन के फायदे -

  • जॉइंट होम लोन लेने पर दोनों को ( joint saving account benefits) अलग-अलग इनकम टैक्स बेनिफ़िट मिलते हैं। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C और 24(b) के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है। 
  • जॉइंट होम लोन में री-पेमेंट की ज़िम्मेदारी दोनों को साझा करनी होती है। इससे री-पेमेंट का बोझ कम हो जाता है।  
  • जब एक साथ कई लोग अप्लाई करते हैं, तो वे बड़े होम लोन के लिए पात्र हो जाते है।  
  • दोनों की आय एक साथ मिलाने से फ़ाइनेंशियल प्रोफ़ाइल मज़बूत हो जाता है।  
  • जॉइंट होम लोन के लिए आवेदन करने से लोन के लिए अनुमोदन मिलने की संभावना बढ़ जाती है।  
  • जॉइंट होम लोन लेने से पसंदीदा जगह पर घर लिया जा सकता है।  
  • महिला को-ओनर को कम ब्याज़ दरों का फ़ायदा मिल सकता है। 
  • जनरेटिव एआई की सुविधा फ़िलहाल एक्सपेरिमेंट के तौर पर उपलब्ध है।  वित्तीय सलाह के लिए, किसी पेशेवर से बात करें। 

ज्वाइंट होम लोन के नुकसान -
आप जानते हैं कि अगर कोई चीज आपके फायदे के लिए बनी हैं तो उससे आपको नुक्सान भी जरूर होता हैं। इसी के चलते यदि हम ज्वाइंट सेविंग अकाउंट की बात करें तो बता दें कि इसके भी नुक्सान हैं। इसका (disadvantages of joint saving account) सबसे बडा नुक्सान मनी मैनेजमेंट हैं। दरअसल, इसमें अकाउंट में तब पैसों की निकासी की जा सकती है जब दोनों अकाउंट होल्डर की मंजूरी हो। ऐसे में अगर किसी एक व्यक्ति को आपात स्थिति में पैसों की आवश्यकता होगी तो वह अकाउंट से पैसे नहीं निकाल पाएगा।

  • इसके अलावा दोनों खाताधारक में से किसी एक ने भी कोई लोन लिया है तो उसका भुगतान करने की जिम्मेदारी (Pros of joint saving account) दोनों खाताधारकों की होगी। ऐसे में ज्वाइंट सेविंग अकाउंट ओपन करवाने से पहले उसके जोखिमों को समझना बहुत जरूरी है।
  • आप जब यह अकाउंट ओपन करते हैं तो आपको दूसरे खाताधारकों की वित्तीय स्थिति का भी आकलन करना चाहिए। इस अकाउंट में दोनों खाताधारक का अधिकार होता है।
  • ऐसे में अगर कोई एक व्यक्ति दूसरे की तुलना में ज्यादा सेविंग कर रहा है और भविष्य में किसी वजह से अकाउंट (benefits of joint saving account) क्लोज किया जाता है तब पहले व्यक्ति को वित्तीय नुकसान भी होने की संभावना भी होती है।   


क्या ज्वाइंट होम लोन है सही विकल्प?
पूरे लोन को जोखिम में डालने की संभावना को समाप्त करने के लिए सही को-बॉरोअर का चुनाव अहम है। ज्वाइंट होम लोन में विवाद से बचने के लिए दोनों को-बॉरोअर को लागू नियमों और शर्तों के बारे में पता होना चाहिए। अगर आप संपत्ति के मालिक नहीं होंगे, पर होन लोन में को-बॉरोअर बनने जा रहे हैं, तो समझ लें कि अगर को-बॉरोअर जो कि मालिक भी है, लोन चुकाने में चूक जाता है तो इसके क्या परिणाम होंगे।

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