My job alarm

लोन की EMI भरने के लिए नहीं है पैसे, तो बैंक में जाकर करें ये काम, मिल जाएगी राहत

Loan EMI Bounce : लोन लेना कुछ लोगों की जरूरत होती है तो कछ लोग अपने शौंक को पूरा करने के लिए लोन का सहारा लेते है। लेकिन कई बार उसे चुकाने के समय लोगों के सामने कई ऐसी स्थितियां आ जाती हैं जिनके कारण कई बार EMI मिस हो जाती है अगर आप से भी ऐसा हो जाए तो आप डिफॉल्‍टर (loan defaulter) घोषित हो सकते हैं, साथ ही इससे आपका सिबिल स्‍कोर भी खराब हो सकता है। अगर आप भी कभी ऐसी स्थिति में फंसते है तो आप समय रहते ही बैंक में जाकर ये जरूरी काम कर लें  ताकि आप पर इसका असर न पड़े और भविष्‍य के लिए परेशानी न बन जाए। 
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लोन की EMI भरने के लिए नहीं है पैसे, तो बैंक में जाकर करें ये काम, मिल जाएगी राहत

My job alarm -   (Bank Loan Rules) आज के समय में लोन एक ऐसा जरिया बन गया है जिससे कि आप वो काम भी आसानी से कर सकते है जिनके बारे में कभी आप सोच कर भी चिंता में आ जाते थे कि पैसों की कमी के अभाव में ये कैसे होगा। क्योंकि इनमें सबसे बड़ी चिंता होती है अपना खुद का घर बनाना जो कि आम जनता के लिए आसान नही होता है। लेकिन होम लोन (Home Loan EMI) जैसी सुविधा ने इसे काफी आसान कर दिया है।  आप होम लोन लेकर घर, कार श् शिक्षा आदि कई खर्चो को आसानी से निकाल सकते है। लोन लेने के बाद आपको समय पर उसक ईएमआई का भुगतान (EMI payment)  करना होता है। ऐसे में अगर आप किसी महीने में किसी कारण ईएमआई समय से भरने से चूक गए तो आपको इसका हर्जाना पेनल्टी (EMI bounce Penalty) देकर चुकाना होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकारी व निजी बैंकों द्वारा एक किस्त पर 500 से लेकर 100 रुपए तक की पेनल्टी लगाई जा सकती है।


जब बाउंस हो जाए पहली किस्‍त


मान लों कि किसी कारण आप से ईएमआई बाउंस (EMI bounce)  हुई है और आपने ऐसा जानबूझकर बिलकुल भी नहीं किया है, ऐसा आपसे किसी मुश्किल या विपरीत परिस्थिति के अचानक आने की वजह से हुआ है तो इस स्थिति यानि कि पहली किस्‍त बाउंस होने पर ही आपको तुरंत बैंक की उस शाखा में जाना चाहिए, जहां से आपने लोन लिया है। वहां जाकर मैनेजर से मिलें और उनसे इस बारे में बात करें। अपनी समस्‍या बताएं और उन्‍हें भविष्‍य में ऐसा न होने का भरोसा दें। अगर आपकी बात वाजिब होगी तो इस समस्‍या का समाधान आसानी से हो सकता है। ऐसे में अगर बैंक की ओर से पेनल्‍टी (bank penalty on home loan)  लगाई भी जाती है, तो वो इतनी नहीं होगी कि आप दे न सकें। आप को बैंक की ओर से राहत मिलती है। 


हो जाए 2 किस्‍तें मिस तो...


पहली किस्त पर तो बैंक की ओर से कोई खास एक्शन नही लिया जाता है। लेकिन अगर दो किस्‍त बाउंस (EMI bounce rule)  हुई हैं तो आप बैंक मैनेजर से बात करके उन किस्‍तों को भरें और साथ ही बैंक मैनेजर से ये रिक्वेस्ट करें कि वो आपके सिबिल में निगेटिव रिपोर्ट न भेजें। इसके अलावा आप उन्‍हें भरोसा दिलाएं कि भविष्‍य में आपसे दोबारा ऐसा नहीं होगा। लेकिन अगर आपने लगातार तीन महीने तक किस्‍त को बाउंस किया है, तो आपके सिबिल स्‍कोर के खराब होने की पूरी संभावना है। क्‍योकि बैंक मैनेजर तीन महीने तक किस्त बाउंस होने पर सिबिल स्कोर (cibil score) के लिए रिपोर्ट भेजता है। सिबिल स्‍कोर खराब होने पर आपको अगली बार लोन लेने में परेशानी हो सकती (loan default) है।

 

अगर आप लंबे समय तक EMI चुका पाने में असमर्थ हैं तो


अगर आपकी समस्‍या ज्‍यादा बड़ी है और आपको लगता है कि आप कुछ समय तक किस्‍त को चुका पाने में असमर्थ हैं तो आप मैनेजर को अपनी मजबूरी बताकर कुछ समय तक किस्‍त को होल्‍ड करने के लिए आवेदन लगा सकते हैं। कुछ समय बाद आप पैसों का इंतजाम होने पर रकम चुका सकते हैं। इससे आपको मुश्किल समय में थोड़ी राहत (bank news in hindi) मिल जाएगी।

 

किस्त बाउंस होने पर करें ये काम 


मान लो कि अगर किसी कारण से आपकी भी कोई किस्त बाउंस (loan rules) हो गई है तो आपको भी कुछ जरूरी कदम उठाने अनिवार्य है। इसके लिए सबसे पहले तो आपको किस्त बाउंस होते ही बैंक जाना चाहिए और मैनेजर को अपनी समस्यओ के बारे मे बताना चाहिए। ऐसे में मैनेजर आपको आगे की बाकी किस्त समय पर चुकाने की सलाह देगा। लेकिन अगर आपकी समस्या ज्यादा बड़ी है तो आप मैनेजर से बात करके किस्त को कुछ समय के लिए होल्ड करने का आवेदन लगा सकते (loan news)  हैं। कुछ समय बाद आप पैसों का इंतजाम होने पर रकम चुका सकते हैं।


EMI बाउंस होने पर इन बातों का रखें ध्यान


आपको इस बारे में जानकारी होनी चाहिए कि बैंक का कोई भी दस्तावेज (sign bank document after proper reading) आप बिना पढ़े साइन न करें। लोन लेने से पहले उसकी पॉलिसी और जरूरी दस्तावेजों की जानकारी जरूर समझ लें।


ध्यान रखने योग्य बसत है कि आप बैंक को दिए गए चेक पर अपने हस्ताक्षर की जांच (Checking your signature on cheque) कर लें। साइन न होने, नहीं मिलने और चेक वापस होने की पेनल्टी भी धारक की होती है।


सबसे जरूरी बात ये कि जिस बिल्डर से मकान का सौदा किया है उसकी जमीन के दस्तावेज देखने के बाद ही लोन लें। कोई कमी होने पर बैंक बीच में ही लोन बंद कर सकता है और जितनी रकम बैंक ने दे दी है, उसका भुगतान आपको करना होगा।


किसी का लोन गारंटर बनने से पहले भी 10 बार सोचें क्योंकि लोन चुकाने की जिम्मेदारी गारंटर (loan guranantor) की भी होती है।

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