खराब CIBIL Score कितने साल में होता है ठीक, लोन लेने वालों को पता होनी चाहिए ये बात
CIBIL Score rules : सिबिल स्कोर हमारे बैंक से लेन देने का हमारा व्यवहार दिखाता है। इसी पर निर्भर करता है कि बैंक हमें कितना लोन दे सकता है, लोन देगा भी या नहीं। कई बार हम जरूरी काम के लिए लोन लेने की सोचते हैं, लेकिन सिबिल स्कोर (cibil score udpate) आड़े आ जाता है। आज हम आपको बताते हैं कि सिबिल स्कोर को आप कैसे ठीक कर सकते हैं।
My job alarm (cibil score rules) : लोन लेने जाते हैं तो बैंक सबसे पहले हमारी क्रेडिट हिस्ट्री (credit score) चेक करता है। इसी को सिबिल स्कोर भी बोला जाता है। जब हम समय पर अपना लोन नहीं भरते हैं तो बैंक से हमारा आर्थिक व्यवहार खराब हो जाता है और सिबिल स्कोर गड़बड़ा जाता है। यह वैसा ही जैसे कोई बच्चा पेपर देता है और पेपर में सही जवाब नहीं देता है तो उसके मार्कस कम आते हैं। ऐसे ही सिबिल स्कोर (CIBIL Score loan eligibility) हमारे बैंकिंग के नंबर होते हैं।
सिबिल स्कोर तीन अंकों का वो नंबर है जो बैंक से लोन लेने के लिए हाई होना जरूरी है। खराब सिबिल स्कोर से हमें बैंक से लोन नहीं मिल पाता। तो हम बैंक से लोन न मिलने पर बाहर से मोटे ब्याज पर पैसा उठाने को मजबूर होते हैं, वहां से भी मिले या ना मिले, इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। इसलिए हमें अपने सिबिल स्कोर (CIBIL Score ) को मैंटेन रखना चाहिए। इसके कई तरीके हैं।
कई बार हम किसी कारण वस अपनी ईएमआई (loan repay rules) का भुगतान नहीं कर पाते, जिस कारण सिबिल स्कोर कम हो जाता है। कई बार हम सोचते हैं कि अब हमें लोन नहीं मिल सकता। सवाल उठता है कि क्या अब ये सिबिल स्कोर (CIBIL Score maintain) हमेशा खराब रहेगा। क्या इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है, अगर ऐसा होता तो लोग शायद कभी लोन चुकाने से नहीं भागते। इसको ठीक किया जा सकता है।
सिबिल स्कोर कब होता है खराब
कई बार हम लोन ले लेते हैं, लेकिन ऐसी परिस्थिति आती है कि हम लोन को नहीं भर पाते। इस कारण बैंक लोन डिफाल्टर मान लेते हैं। उदाहरण के लिए कोरोना काल से पहले किसी ने लोन लिया है, वह समय से किस्त भर रहा है, लेकिन लॉकडाउन के कारण उनके काम चोपट हो गए, ऐसी स्थिति में वो लोन डिफाल्टर (loan defaulter) हो गए।
बाद में राशि भरने पर क्या हो जाता है CIBIL score सही
जब लोन नहीं भर पाते तो बैंक हमसे बार बार किस्त मांगता है। हम स्थिति ठीक होने पर ब्याज सहित रुपया चुका देते हैं। ऐसा करने के बाद हम सोचते हैं कि हमारा सिबिल स्कोर ठीक (good cibil score) हो गया होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। जानकारी के मुताबिक दो साल लग जाते हैं सिबिल स्कोर ठीक होने में। दो साल में मेंटेन हो जाता है।
क्या एक बैंक में लोन नहीं चुकाया तो दूसरे में मिल जाएगा
कई बार लोग सोचते हैं कि एक बैंक से हम लोन लेकर नहीं भर पाए, लेकिन दूसरे बैंक में ट्राई करके देखते हैं। वो मानते हैं कि दूसरे बैंक को नहीं पता चलेगा। लेकिन सिबिल स्कोर (low cibil score) ऐसी चीज है, जो हमारे काई भी बैंक, इंश्योरेंस कंपनी, फाइनेंस कंपनी देख सकती है। तो ऐसा नहीं हो सकता है कि आप एक बैंक से डिफाल्टर होकर दूसरे बैंक की आंखों में धूल झोंक सकते हैं। इसलिए लोन चुकाना ही इसका समाधान है।
CIBIL score सुधारने के आसान तरीके
सिबिल स्कोर मेंटेन रखना हमारे हाथ की बात है। पहले तो हमें जरूरत अनुसार इतना ही लोन लेना चाहिए, जिसकी हमें स्योरिटी हो कि हम वो चुका देंगे। इसे अलावा क्रेडिट कार्ड (credit card) व बिलों के भुगतान को को समय पर भरें। इससे सिबिल स्कोर में सकारात्मकता आती है। बिलों के पेमेंट में देरी से ये नकारात्मकता पर जाता है। समय पर बिल भरें और पूरा भरें। कई बार क्रेडिट कार्ड का मिनिम ड्यू भर देते हैं, जबकि पूरा बिल ही चुकाना चाहिए। इससे सिबिल स्कोर (high cibil score) सुधरता है।
ये फेक्टर भी करते हैं प्रभावित
कई बार लोग लोन ले लेते हैं, और समय पर भर भ देते हैं, लेकिन इसके बाद बैंक से एनओसी नहीं लेते। इससे सिबिल स्कोर कम होता है। इसलिए एनओसी (loan NOC) जरूर लें। ऐसा ही क्रेडिट कार्ड के साथ भी है। क्रेडिट कार्ड बंद कराते समय पूरी कागजी कार्रवाई करें। प्रमाण पत्र जरूर लें।