CIBIL Score : लोन लेने के लिए इतना सिबिल स्कोर जरूरी, जानिये लोन देने से मना क्यों करता है बैंक
My job alarm - (Cibil Score ) बहुत से ऐसे कारण है जिनके चलते कि बैंक की ओर से आपके लोन एप्लीकेशन को रद्द किया जा सकता है। इसलिए जब भी आप लोन (loan) लेने के लिए जाए तो पूरी तैयारी के साथ ही लोन के लिए आवेदन करें ताकि आपको लोन मिलने में कोई दिक्कत न हो। अब यहां सबसे पहले यह समझना होगा कि कुछ आवेदकों को बैंक लोन (Bank Loan) देने से मना क्यों कर देते हैं। अक्सर छोटी-छोटी गलतियों की वजह से लोन का आवेदन रद्द हो जाता है जैसे अगर आपका एड्रेस वेरीफिकेशन अधूरा पड़ा रहता है तो लोन का आवेदन (loan application) खारिज हो सकता है।
लोन एप्लीकेशन रद्द होने का कारण
आप बैंक में लोन के लिए अप्लाई (How To apply for Loan) करने के लिए जाते है और अगर बैंक आपको लोन देने से इनकार कर देता है तो आप ये पता करें कि इसके पीछे आखिर कारण क्या था। आपके लोन का आवेदन खारिज किये जाने की वजह जानना बहुत जरूरी है। कई बार छोटी-छोटी वजहों से बैंक लोन (bank loan) देने से मना कर देते हैं।
लोन रद्द होने की छोटी या गंभीर वजह का कारण
आपके इस बारे में जानकारी होनी चाहिए कि अगर आपका एड्रेस वेरीफिकेशन (address verification for loan) अधूरा पड़ा रहता है, तब भी लोन का आवेदन खारिज हो सकता है। कई बार लोन कैंसल करने के पीछे गंभीर कारण भी हो सकते हैं। मसलन खराब क्रेडिट रेटिंग की वजह से भी बैंक आपका लोन आवेदन कैंसल कर देते हैं।
क्या कम इनकम हो सकती है वजह
बहुत बार ऐसा भी देखा गया है कि जब बैंक को ऐसा लगता है कि आपकी इनकम लोन चुकाने के लिए पर्याप्त नहीं है तो बैंक आपके लोन एप्लीकेशन (loan application process) को टाल देते हैं। बैंक इस बात को सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपकी लोन वापस करने की हैसियत है या नहीं। इसलिए बैंक आपकी इनकम और बैंक अकाउंट के बारे में गहन जानकारी जुटाना चाहते हैं। जब तक आपकी आय बैंक के तय मानक से मैच नहीं करती है बैंक आपको लोन देने के लिए मना कर सकते हैं। इसलिए आपकी आय भी इसमें एक महत्वपूर्ण फैक्टर है।
सिबिल स्कोर खराब होना
अधिकतर ये देखा गया है कि अकसर लोन एप्लीकेशन रद्द होने का कारण (Reason for rejection of loan application) कम सिबिल स्कोर ही होता है। सबसे पहले आपको बता दें कि सिबिल स्कोर 300-900 के बीच होता है और 750 सिबिल स्कोर को अच्छा माना जाता है। इतना सिबिल स्कोर होने पर आसानी से लोन भी मिलता है। सिबिल के मुताबिक 79 फीसदी बैंक लोन उन्हीं को दिया गया है जिनका स्कोर 750 से ऊपर होता है। इसी तरह कंपनियों के लिए कंपनीज क्रेडिट रिपोर्ट (Companies Credit Report) की रैकिंग 1 से 10 के बीच के स्केल के हिसाब से तय करता है। 1 नंबर वाली कंपनी का स्कोर सबसे बढ़िया माना जाता है।
सिबिल स्कोर में करें सुधार
अगर आपका लोन सिबिल स्कोर कम होने के कारण रिजेक्ट हुआ है तो सबसे पहले आपको अपना सिबिल स्कोर सुधारने की जरूरत है। सबसे पहले तो आप क्रेडिट रेटिंग एजेंसी से विस्तृत रिपोर्ट जरूर लें। जब आप अपनी विस्तृत क्रेडिट रिपोर्ट पाते हैं तो इसकी पूरी डिटेल पढ़ें। इस बात की बड़ी संभावना रहती है कि आपकी क्रेडिट रेटिंग में गलती हो गई हो। उदाहरण के लिए जो लोन आपने पहले ही चुका दिया है, कई बार वह सिबिल रिपोर्ट (credit report) में पेंडिग दिखा रहा हो। इसलिए अगर आप इस तरह की कमी पाते हैं तो क्रॉस चेक करें और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी से ठीक करने के लिए कहें।
लोन रिजेक्ट होने पर करें दूसरे बैंक का चयन
जरूरी नही है कि आप लोन के लिए एक ही बैंक पर निर्भर करें। आपको अपना लोन एप्लीकेशन दूसरे बैंको में भी लगाना चाहिए। हमेशा अपने बैंक की ब्रांच में लोन के लिए आवेदन फायदेमंद होता है। अगर आपका बैंक लोन देने से मना कर देते तो दूसरे बैंक का रास्ता चुनें। कई मामलों में ग्रामीण बैंक और क्षेत्रीय सहकारी बैंक कम सख्त शर्त रखते हैं। इन बैंकों में लोन जल्दी मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
अपने लोन की डाउन पेमेंट बढ़ाएं
मान लो कि अगर आप किसी तरह की खरीदारी जैसे होम और कार लोन के लिए लोन के लिए आवेदन करते हैं तो आप अपनी लोन की डाउन पेमेंट (down payment amount) की रकम बढ़ा सकते हैं। इससे आपको आसानी से लोन मिलने की संभावना में वृद्धि होती है। इससे बड़ा फायदा यह भी होता है कि आपकी लोन की ईएमआई (EMI of loan) घट जाती है साथ ही कर्ज का बोझ कम हो जाता है।
पुराने कर्ज का करें निपटारा
अगर आपने पहले लोन ले रखा है और अब नया लोन मिलने में दिक्क्त आ रही है तो आपको अपने पुराने लोन की राशि ज्यादा होने की वजह से नया लोन नहीं मिल पा रहा है। इसलिए आपको पहले उस लोन को चुकाना अनिवार्य है। आमतौर पर बैंक डेट टू इनकम का रेशियो करीब 35 फीसदी चाहते हैं और 40 फीसदी से ज्यादा डीटीआई रिस्क की श्रेणी में आता है। जब डीटीआई का आंकलन किया जाता है तो इसमें आपके पुराने पर्सनल लोन (personal loan) , कार लोन (car loan) , होम लोन (Home loan) और क्रेडिट कार्ड की बकाया को शामिल (credirt card dues) किया जाता है। अगर कर्ज-आमदनी के अनुपात की वजह से लोन रिजेक्ट हुआ है तो पहले अपना पुराना लोन क्लियर कर लें।