Bank Deposit Rules : आपकी इन ट्राजेक्शन पर देना पड़ सकता है भारी जर्माना, बैंक में पैसा जमा कराने से पहले जान लें नियम
My Job Alarm - (Cash Transaction) क्या आप भी बैंक में कैश जमा करने के शौकीन हैं? क्या आपको भी बैंक से धड़ाधड़ कैश निकालने में मजा आता है? अगर ऐसा है तो कुछ नियमों का पालन करना होगा। ऐसा नहीं किया तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें। अवैध और बेहिसाब नकद लेनदेन (Cash Transaction limit) पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सरकार ने नकद निकासी की सीमा में संशोधन तो किया ही है और साथ ही एक या एक से अधिक बैंकों में एक वित्त वर्ष में बड़ी मात्रा में कैश जमा कराने के लिए पैन (PAN Card) और आधार कार्ड (Aadhar Card) को अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि किस सीमा तक बैंक में नोट जमा करने पर टैक्स नहीं लगता है और अगर इस सीमा के बाहर जाकर कोई बैंक में नोट जमा (bank deposit rules) करता है तो उसे कितना टैक्स देना होगा।
ये है बैंक में नकद की जमा और निकासी की सीमा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आयकर एक्ट (Income tax act) के अनुसार, कुछ लेनदेन को विशेष वित्तीय लेनदेन माना जाता है। अगर किसी वित्त वर्ष में कोई व्यक्ति अपने सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपये नकद जमा करता है तो बैंक को इस तरह के लेनदेन को रिपोर्ट करना होगा। वहीं, अगर किसी वित्त वर्ष में चालू खाते में कोई व्यक्ति 50 लाख रुपये जमा करता है तो बैंक को इस तरह के लेनदेन को रिपोर्ट करना होगा।
इसके अलावा बता दें कि नकद जमा करने पर सरकार की ओर से कोई भी टैक्स (tax notice) नहीं लिया जाता है। हालांकि, उसका सोर्स होना चाहिए। इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 194N के अनुसार, एक सीमा से अधिक नकद की निकासी पर टीडीएस काटा (TDS on bank deposit) जाता है।
और अगर आप पिछले 3 सालों से लगातार आईटीआर (ITR Filling) जमा करवाते आ रहे हैं तो एक वित्त वर्ष में 1 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी पर 2 प्रतिशत के टीडीएस की कटौती होगी। वहीं, अन्य मामलों में एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक निकालने पर 2 प्रतिशत का टीडीएस और एक करोड़ से अधिक निकालने पर 5 प्रतिशत का टीडीएस कटेगा।
जमा कैश का सोर्स नहीं बताने पर होगी ये कार्रवाई
बहुत बार ऐसा होता है कि लोग इनकम टैक्स रिटर्न भरना (filing income tax return) भूल जाते हैं या फिर किसी छूट के चलते मिले लाभ को अपने आयकर में दिखाते हैं। इस कारण से बैंक में कैश जमा करने पर आपको इनकम टैक्स अथॉरिटी नोटिस (Income Tax Authority Notice) जारी कर सकती है। ये नोटिस इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 68 के तहत जारी किया जाता है और नोटिस जारी होने के बाद भी अगर आप सोर्स नहीं बता पाते हैं तो उस राशि पर 60 प्रतिशत का टैक्स, 25 प्रतिशत का सरचार्ज और 4 प्रतिशत का सेस लगेगा।
जान लें क्या है कैश लोन को लेकर क्या है नकद जमा और निकासी के नियम
बता दें कि इनकम टैक्स की धारा (income tax act) 269SS और 269 T के अनुसार, कोई भी व्यापारी एक वित्त वर्ष में 20000 से अधिक का कैश लोन स्वीकार या पुनर्भुगतान नहीं कर सकता है। अगर वह इस सीमा उल्लंघन करता है तो धारा 271D और 271E के अनुसार उस पर जुर्माना लगाया जाएगा।
उदाहरण के लिए एक व्यापारी जिसका व्यवसाय इनकम टैक्स की धारा 44AD के (Section 44AD of Income Tax) अंतर्गत आता है। उसने अपने खाते में 29 लाख रुपये जमा किए हैं और वह इसमें से 23 लाख रुपये बिजनेस की आय के रूप में दिखाए हैं। व्यापारी की ओर से 8 लाख रुपये कैश के रूप में निकाल (cash withdrawl) लिए गए है और दिखाया है कि 3 लाख रुपये किसी व्यक्ति से लेनदेन में प्राप्त हुए।
चूंकि नकद 29 लाख रुपये जमा हुए थे और 23 लाख रुपये प्राप्त हुए थे। इस कारण बाकी बचे 6 लाख रुपये के लिए इनकम टैक्स (Income tax) जवाब मांग सकता है।