Gold : 102 टन सोना आया भारत, जानिए कैसे हुआ गोल्ड ट्रांसफर
RBI Gold Recovery :आम लोग ही नहीं आरबीआई (RBI)भी अपने पास सोना रखता है। पिछले 6 महीनों में आरबीआई ने अपने सोने के भंडार में कई टन की बढ़ोतरी की है। यह सोना इंग्लैंड से आया है। कई साल पहले इसे भारत में विदेशी मुद्रा का (gold reserves in india)संकट आ गया था। इससे निपटने के लिए यह सोना गिरवी रखा गया था। अब धीरे-धीरे इसे वापस लाया जा रहा है। यह आरबीआई की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। आइये जानते हैं पूरी डिटेल इस खबर में।
My job alarm - (gold news) एक समय में भारत में बहुतायत में सोना होता था, जिस कारण भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। बाद में कई कारणों से सोने की मात्रा घट गई। अब आरबीआई ने सोने के भंडार में बढ़ोतरी की है। 6 महीने के दौरान 102 टन सोना भारत में (bharat me kitna sona wapas aaya hai)आया है। देश में ये सोना इंग्लैंड से ट्रांसफर होकर आया है, जिसे स्थानीय तिजोरियों में रखा जा रहा है। इस खबर के जरिये आप जान सकते हैं कि 6 महीनों में कब-कब कितनी मात्रा में सोना इंग्लैंड से भारत में आया है।
यह है आरबीआई की बड़ी उपलब्धि
बता दें कि इस समय स्थानीय तिजोरियों में रखा गया सोना 510.46 टन है। यह आंकड़ा 30 सितंबर तक का है। इससे पहले 31 मार्च, 2024 तक 408 टन सोना ही आरबीआई के पास (RBI ke paas kitna sona hai) था। यानी अप्रैल-सितंबर की छमाही अवधि में आरबीआई ने घरेलू स्तर पर 102 टन सोने का भंडार बढ़ा लिया है। 29 अक्टूबर मंगलवार के ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो फिलहाल सोने को लेकर आरबीआई की स्थिति काफी बेहतर है।
आरबीआई की विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन पर जारी छमाही रिपोर्ट के आंकड़ों पर नजर डालें तो पाते हैं कि रिजर्व बैंक ने इस वित्त वर्ष (2024-2025) की पहली छमाही में अपने सोने के भंडार में 32 टन सोने की बढ़ोतरी (foreign exchange reserves in india )की है। अब सोने का कुल स्थानीय भंडार 854.73 टन हो गया है, जो आरबीआई की बड़ी उपलब्धि है।
धीरे-धीरे स्थानीय तिजोरियों में बढ़ रहा सोना
यह आरबीआई के सराहनीय प्रयासों का ही परिणाम है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत धीरे-धीरे अपने गोल्ड रिजर्व को स्थानीय तिजोरियों में ट्रांसफर यानी जमा कर रहा है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की बात करें तो ब्रिटेन से 100 टन से अधिक सोना घरेलू स्तर पर स्थानांतरित (england ke pass bharat ka kitna sona hai) किया था। साल 1991 के बाद यह आंकड़ा सबसे ज्यादा भारत में हुए गोल्ड ट्रांसफर में शामिल है।
आ गया था विदेशी मुद्रा का संकट
आज से करीब 23 साल पहले भारत में 1991 में विदेशी मुद्रा का घोर संकट आ गया था। इस समस्या का समाधान करने के लिए भारत को अपने सोने के भंडार से काफी सोना गिरवी रखना पड़ा था। आरबीआई की जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (Bank for International Settlements) के पास भारत का करीब 324 टन सोना अब तक सुरक्षित रखा गया था । इसके अलावा करीब 20.25 टन सोना स्वर्ण जमा के रूप में रखा गया था। हालांकि इस बात के संकेत मई में ही आ गए थे कि अब भारत में सोने का भंडार बढ़ेगा।
गोल्ड रिजर्व बढ़ाने का यह है कारण
हर देश का केंद्रीय बैंक अपना-अपना गोल्ड रिजर्व (gold reserve in india)इस समय पर बढ़ा रहा है। इसके पीछे भी एक बड़ा कारण है। यह बात निकलकर सामने आई है कि दुनिया में इस समय जियोपॉलिटिकल टेंशन के बीच दुनियाभर में निवेशक गोल्ड में पैसा लगा रहे हैं। यह तनाव भविष्य में और बढ़ सकता है। ऐसे में सोने को असुरक्षित माहौल में निवेश के लिए सबसे बेस्ट विकल्प समझा जाता है। यही कारण है कि विश्व के सभी देशों के सेंट्रल बैंक (central banks) की ओर से अपने गोल्ड भंडार यानी गोल्ड रिजर्व में बढ़ोतरी की जा रही है।