Supreme Court Decision : सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के 2 सुप्रीम फैसले
SC Decision for Employees : कर्मचारियों से जुड़े कई मामले अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। खासकर वे मामले जो कोर्ट तक पहुंच जाते हैं, उनका असर प्राइवेट और सरकारी क्षेत्र के हर कर्मचारी पर साफ तौर से दिखाई देता है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने निजी व सरकारी कर्मचारियों (govt Employees news) से जुड़े कुछ मामलों में सुनवाई करते हुए अहम फैसले दिए हैं। इनके बारे में हर कर्मचारी को जान लेना जरूरी है।
My job alarm - (supreme court big update): सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्राइवेट और सरकारी कर्मचारियों के लिए दो अहम फैसले दिए गए हैं। एक फैसले में कोर्ट ने सैलरी के इंक्रीमेंट (supreme court decision for increament) को लेकर टिप्पणी की है तो दूसरा फैसला कर्मचारी की ओर से अहम व्यक्तिगत जानकारी छुपा लेने से जुड़ा है। कोर्ट के इन दोनों ही फैसलों का निजी व सरकारी क्षेत्र में नौकरी करने वाले करोड़ों कर्मचारियों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। आइये जानते हैं सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इन दो बड़े फैसलों के बारे में इस खबर में।
इंक्रीमेंट में गलती कहकर नहीं वसूल सकते रकम-
सेलरी में बढ़ोतरी व इंक्रीमेंट के मामले ऑफिसों में तो गूंजते ही हैं, ऐसे कुछ मामले सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचे हैं। इस तरह के एक मामले की सुनवाई करते हुए सुृप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी कर्मचारी की सैलरी में इंक्रीमेंट (SC Decision on increment) हुआ है, चाहे वो गलती से ही क्यों न हुआ हो तो भी उसके रिटायरमेंट के बाद उससे इंक्रीमेंट के दाैरान दिए पैसों को नहीं वसूला जा सकता। कोई भी संस्थान या विभाग यह तर्क देकर पैसे नहीं वसूल सकते कि गलती से इंक्रीमेंट हो गया। इस तरह के तर्क का कोई आधार नहीं बनता है।
जानकारी छिपाने वाले से नहीं किया जा सकता दुर्व्यवहार-
एक ट्रेनी कर्मचारी की ओर से याचिका दायर करने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। जिसके दौरान यह पता चला कि रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force) में पवन कुमार को कांस्टेबल के पद पर चुना गया था, लेकिन कुछ समय के बाद ट्रेनिंग के शुरूआती दिनों में उसे कांस्टेबल के पद से एक कारणवश हटा दिया गया।
यह कारण यह था कि पवन कुमार ने स्वयं के खिलाफ FIR दर्ज की जानकारी को छुपा लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया कि ऐसे व्यक्ति के साथ मनचाहा दुर्व्यवहार करना गलत है लेकिन ऐसे शख्स द्वारा जानकारी छिपाना या गलत जानकारी प्रदान करना सरासर गलत है। ऐसे व्यक्ति को सेवा (service rules) में बने रहने और बने रहने की मांग करने का भी कोई हक नहीं है।