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Property knowledge : क्या 99 साल की लीज खत्म होने के बाद छिन जाएगा मालिकाना हक, फ्लैट खरीदने से पहले जान लें

Property News : दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में फ्लैट और लग्जरी घरों की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। यहां कमर्शियल के साथ ही रेसिडेंशिल प्रोपर्टी की डिमांड में आए दिन तेजी दर्ज की जा रही है। इसी के चलते लीज पर प्रोपर्टी का ट्रेंड भी यहां बढ़ रहा है। लोग यहां प्रोपर्टी को लीज पर खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे है। अब लीज पर प्रोपर्टी खरीदना आखिर होता क्या है और क्या  लीज खत्म होने पर आपका उस संपत्ति पर मालिकाना (ownership rights on property) हक रहेगा या नही, तो आइए खरीदने से पहले जान लें कि क्या है लीज पर प्रोपर्टी खरीदने के नियम...
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Property knowledge : क्या 99 साल की लीज खत्म होने के बाद छिन जाएगा मालिकाना हक, फ्लैट खरीदने से पहले जान लें 

My Job Alarm - (Leasehold Property Rules) दिल्ली जैसे शहरों की ओर जाते है तो आपको बड़ी-बड़ी इमारते नजर आती है। दिल्ली एनसीआर जैसे शहरों में ये बड़ी इमारते और इनमें फ्लैट की डिमांड बढ़ती जा रही है। लेकिन क्या आप ये जानते है कि इन बड़ी-बड़ी इमारतों को कौन खरीदता है। इस पूरी बिल्डिंग का मालिक कोई एक ही व्यक्ति होता है या वो इसे कैसे खरीदता है इसके लिए नियम क्या होते है। ऐसे में आज हम आपको इसी के नियम के बारे में बताने वाले है। इन इमारतों को 99 साल की लीज पर खरीदा जाता है। इनमें खरीदरों को फ्लैट्स 99 साल की लीज  (flats on 99 years lease) पर मिलते हैं। दूसरे शब्‍दों में अगर कहें तो खरीदारों को 99 साल के लिए फ्लैट के इस्‍तेमाल की छूट मिल जाती है। इस तरह की प्रोपर्टी को लीजहोल्‍ड प्रॉपर्टी कहा जाता है। अब ये सवाल उठता है कि क्या 99 साल की अवधि के बाद आपसे ये फ्लैट वापस ले लिया जाएगा? क्‍या आपका लीजहोल्‍ड पर खरीदे गए फ्लैट से मालिकाना हक (Ownership rights on leasehold property) खत्‍म हो जाएगा?


कैसे होती है देश में प्रोपर्टी की खरीद बेच

अगर देश में प्रोपर्टी की खरीद बेच की बात की जाए तो भारत में जमीन, मकान, दुकान और फ्लैट की खरीद-बिक्री लीजहोल्‍ड और फ्रीहोल्‍ड 2 तरह से होती है। देश में ज्‍यादातर लोग अपनी जमीन लेकर घर बनाना या जमीन समेत मकान खरीदना ज्‍यादा पसंद करते हैं। लेकिन, कई लोग जमीन की कीमत ज्‍यादा होने के कारण फ्लैट खरीद लेते हैं। आपने घर के बुजुर्गों को भी अक्‍सर ये कहते हुए सुना होगा कि घर ऐसा खरीदना चाहिए जिसमें जमीन और छत अपनी हो। सबसे पहले समझते हैं कि लीजहोल्‍ड और फ्रीहोल्‍ड प्रॉपर्टी क्‍या होती (what is lease hold and freehold property) है?


 किसे मिलता है फ्री-होल्ड प्रॉपर्टी का मालिकाना हक?


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फ्रीहोल्‍ड प्रॉपर्टी (freehold property) वो प्रोपर्टी होती है, जिस पर खरीदार के अलावा किसी दूसरे व्‍यक्ति का अधिकार नहीं होता है। ये वो संपत्ति होती है जो कि खरीदार के बच्‍चों और फिर उनके बच्‍चों को खुद-ब-खुद ही हस्‍तांतरित होती रहती है। साधारण शब्दों में कहें कि फ्रीहोल्‍ड प्रॉपर्टी से ही पुश्‍तैनी जायदाद (ancestral property rules) बनती है। इस पर परिवार से बाहर का कोई व्‍यक्ति तभी अधिकार जता सकता है, जब इसे बेच दिया जाए या वसीयत के जरिये उसे दे दिया जाए। आसान शब्‍दों में कहें तो फ्री-होल्ड प्रॉपर्टी खरीदने के बाद पूरी तरह से खरीदार की हो जाती है।


क्या है देश में लीजहोल्ड प्रॉपर्टी के नियम


लीजहोल्ड प्रोपर्टी का चलन दिल्‍ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव, फरीदाबद समेत देश के ज्‍यादातर शहरों में बढ़ता ही जा रहा (Delhi-NCR Property) । इन शहरों में फ्लैट्स लीजहोल्‍ड प्रॉपर्टी (leasehold property rules) के तौर पर बेचे जा रहे हैं। लीजहोल्ड प्रोपर्टी में ये कलियर है कि ये फ्लैट्स खास अवधि तक आपके अधिकार में हैं। जानकारी के लिए बता दें कि कुछ जमीनों की लीज 10 साल, 20 साल, 15 साल या 30 साल भी की जाती है। इसे खरीदने के लिए नियमों में लोन एक बड़ी दिक्क्त बन सकता है क्योंकि कम अवधि की लीजहोल्‍ड प्रॉपर्टी खरीदने पर बैंक से लोन मिलना भी मुश्किल हो जाता है। लीजहोल्‍ड प्रॉपर्टी तय अवधि (leasehold property fixed term) के बाद मूल मालिक के पास वापस चली जाती है। अगर मूल मालिक चाहे तो उसकी जमीन पर खड़ी पूरी की पूरी इमारत को गिरा भी सकता है। ऐसे में लीजहोल्‍ड प्रॉपर्टी को बचाए रखने के लिए खरीदार को लीज बढ़वानी पड़ती (how to increase leasehold property term) है। आप इस अवधि को आगे बढ़ा सकते है। 


कैसे मिलेगा लीजहोल्‍ड प्रॉपर्टी पर अपना हक


इस मामले पर प्रोपर्टी एक्सपर्ट का कहना है कि लीजहोल्‍ड पर संपत्ति (99 year lease) खरीदने वालों को घबराने की जरूरत नहीं है। लीज की अवधि अगर पूरी हो जाती हे तो ऐसा होने पर होने पर इसे बढ़वाया जा सकता है। वहीं, अवधि पूरी होने से पहले ही लीजहोल्‍ड प्रॉपर्टी को फ्रीहोल्‍ड प्रॉपर्टी (freehold property) में बदलवाकर हमेशा के लिए संपत्ति पर अपना मालिकाना हक हासिल किया जा सकता है। अब अगर आप उस प्रोपर्टी पर  मालिकाना हक पाना चाहते है तो इसके लिए संबंधित प्राधिकरण में आवेदन कर शुल्‍क का भुगतान करना होता है। उन्‍होंने बताया कि राज्‍य सरकारें समय-समय पर लीजहोल्‍ड प्रॉपर्टी को फ्रीहोल्‍ड में कंवर्ट (Convert property to freehold) कराने के लिए योजनाएं लाती रहती हैं। बड़ी-बड़ी सोसायटीज के मामले में ये काम बिल्‍डर्स को करना होता है। अलग-अलग राज्‍यों में इसे लिए शुल्‍क भी अलग लगता है।


लीज अवधि खत्म होने से पहले गिर जाए इमारत तो होगा ये काम


यूपी हाईकोर्ट के एक एडवोकेट का कहना है कि मान लो अगर लीज अवधि खत्‍म होने से पहले इमारत को गिराया जाता है तो जिस जमीन पर फ्लैट्स बने हैं उसके सर्किल रेट (circle rate in NCR) के आधार तय कीमत फ्लैट मालिकों के बीच बराबर-बराबर बांट दी जाएगी। इतना ही नही, इस पर उन्‍होंने उदाहरण देकर बताया, ‘मान लीजिए किसी 200 गज जमीन पर 10 फ्लैट बने हैं। लीज अवधि खत्‍म होने से पहले सभी फ्लैट को ध्‍वस्‍त किया जाता है तो उस समय 200 गज जमीन की सर्किल रेट के आधार पर तय (Land price fixed on basis of circle rate) होने वाली कीमत सभी में बराबर बांट दी जाएगी। दूसरे शब्‍दों में कहा जाए तो हर फ्लैट मालिक 20 गज जमीन का मालिक होगा।’ वहीं, दूसरा तरीका ये भी है कि सभी फ्लैट मालिक (flat owner) बिल्‍डर को नए सिरे से इमारत बनाने के लिए कह सकते हैं। इसके लिए उन्‍हें निर्माण लागत का भुगतान करना होगा।


सोसायटी की जमीन में फ्लैट खरीदार की हिस्‍सेदारी


जो इमारत लीज पर खरीद रखी है सरकार ने इमारत गिराए जाने या खुद गिर जाने की स्थिति में फ्लैट खरीदारों की चिंता को दूर करने के लिए कानून में कई प्रावधान किए हैं। दरअसल, समय बीतने के साथ हर बिल्डिंग कमजोर होगी। एक समय ऐसा जरूर आएगा, जब उसे ढाहने की जरूरत महसूस होगी। वहीं, प्राकृतिक आपदा या घटिया कंस्ट्रक्शन के कारण भी बिल्डिंग गिर सकती है। ऐसे में सरकार ने फ्लैट खरीदारों के लिए कानून में अनडिवाइडेट शेयर इन लैंड यानी यूडीएस का प्रावधान (provision of uds in property) किया है। इसके तहत जिस जमीन पर सोसायटी खड़ी है, उसमें फ्लैट खरीदार (flat buyer in NCR) की हिस्सेदारी भी होगी। लिहाजा, हर सोसायटी में फ्लैट खरीदारों को जमीन में परोक्ष हिस्सेदारी दी गई है।

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